बारिश व बाढ़ के में डूबी हजारों बीघे में लगी धान की फसल
वर्षा और बाढ़ से हजारों बीघे में लगी धान की फसल डूब गई है। सैकड़ों किसान चिंतित हैं। उन्हें आर्थिक क्षति हुई है।
संसू, जलालपुर: वर्षा और बाढ़ से हजारों बीघे में लगी धान की फसल डूब गई है। सैकड़ों किसान इससे प्रभावित हुए हैं। जलालपुर प्रखंड में कुल 25 हजार बीघे की जोत है। बाढ़ के चलते 50 प्रतिशत भूमि में धान की रोपनी की गई थी। सम्होता पंचायत के 6500 बीघे कृषि योग्य भूमि में से 3000 बीघे, कोपा पंचायत में 2000 बीघे, रेवाड़ी पंचायत में 3 हजार, अशोक नगर पंचायत में 2 हजार, अनवल पंचायत में 500 तथा कुमना पंचायत में 1600 बीघे भूमि में लगी धान की फसल पानी में डूब गई है।
सम्होता पंचायत के किसान शिवनाथ सिंह कहते हैं कि मैने साढ़े 10 बीघे खेत में धान की रोपनी की थी। पहले जो हमने बिचरा डाला था वह वर्षा के पानी में डूबकर गल गया। दोबारा बीज डालकर मैंने धान की रोपनी की लेकिन उसपर भगवान ने पानी फेर दिया। किसान ललन सिंह कहते हैं कि असामाजिक तत्वों ने चिरैया बांध को काट दिया जिससे फसलों को भारी क्षति हुई है। मैंने पांच बीघे खेत में धान की रोपनी की थी। परंतु वर्षा और बाढ़ के पानी ने हमारा निवाला ही छीन गया है। अभी तक फसल क्षति का आंकलन भी नहीं हुआ है। किसान नीरज कुमार सिंह मुन्ना बताते हैं कि हमने 5 बीघे खेत में धान की रोपनी की थी। सरकार को चाहिए कि अविलंब फसल क्षति का आंकलन कराकर किसानों की फसल क्षतिपूर्ति करे । विलंब होने से हमें संदेश हो रहा है कि कहीं क्षतिपूर्ति पर भी पानी न फिर जाय । किसान शिवजी साह ने बताया कि उन्होंने 100 डिसमिल में धान की रोपनी करके उसका इंश्योरेंस भी करा चुका हूं । जबतक फसल क्षति का आंकलन नहीं हो जाता तबतक क्षतिपूर्ति का सवाल ही नहीं बनता।
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जल्द ही फसल क्षति का पंचायत वार आंकलन किया जाएगा। इसके बाद फसल क्षतिपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया के लिए वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट दी जाएगी।
अशोक कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी जलालपुर ------------
- सीओ ने कहा, जल्द ही फसल क्षति का पंचायत वार किया जाएगा आंकलन