जेपीयू में 12 साल से नहीं हो रहा सीनेट व सिंडिकेट का चुनाव

जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सीनेट व सिडिकेट का चुनाव 12 साल से नहीं हो रहा है। चुनाव में जीतने वाले कई लोग अब रिटायर हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 03:47 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 03:47 PM (IST)
जेपीयू में 12 साल से नहीं हो रहा सीनेट व सिंडिकेट का चुनाव
जेपीयू में 12 साल से नहीं हो रहा सीनेट व सिंडिकेट का चुनाव

जागरण संवाददाता, छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सीनेट व सिडिकेट का चुनाव 12 साल से नहीं हो पा रहा है। चुनाव में जीते कई प्रतिनिधि अब सेवानिवृत्त हो चुके है। विश्वविद्यालय में सदन सरकार व राजभवन के प्रतिनिधि के सहारे चल रहा है। विश्वविद्यालय में शिक्षकेत्तर कर्मचारी, शिक्षक व छात्रों का प्रतिनिधित्व हो उसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।

वर्ष 2006 में हुआ था सीनेट का चुनाव

जेपी विश्वविद्यालय में वर्ष 2006 में तत्कालीन कुलपति प्रो. जितेंद्र सिंह के कार्यकाल में सीनेट व सिडिेकेट का चुनाव हुआ था। जीतने वाले सदस्यों की अवधि तीन साल की होती है। उसमें शिक्षेत्तकर कर्मचारी संघ की ओर से जगदम कालेज के कर्मचारी ब्रजकिशोर सिंह निर्वाचित हुए थे।

सीनेट में कर्मी का एक, शिक्षकों का 15 व छात्रों का पांच पद

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट में मतदान से शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का एक पद पर, शिक्षकों के 15 पद के लिए चुनाव होता है। वहीं छात्रों के पांच पद के लिए कालेज व पीजी विभागों से छात्र संघ चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधि वोट से चुनते है। इसमें प्रत्याशी कोई भी छात्र बन सकता है। इसी तरह सिंडिकेट में चार पद शिक्षक का होता है, जिसमें मतदाता निर्वाचित सीनेट सदस्य होते है। वही गैर शिक्षक प्रतिनिधि के लिए चार पद होता है। उसमें कर्मचारी व छात्र प्रत्याशी होते है। उसमें वोटर राजभवन व सरकार से मनोनीत सदस्य मतदाता होते है। ऐसे मनोनीत सदस्यों की संख्या 25 से अधिक है। विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी बाडी है सीनेट व सिडिकेट

जेपी विश्वविद्यालय के पूर्व ला आफिसर डा. जयराम सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी बाडी सीनेट व सिडिकेट है। सीनेट व सिडिकेंट के बिना विवि में कोई कार्य नहीं हो सकता है। उसके निर्णय को राजभवन व सरकर भी मानती है, क्योंकि सीनेट के बैठक की अध्यक्षता महामहिम राज्यपाल करते है। उनकी अनुपस्थिति में ही कुलपति बैठक करते हैं। इसमें उच्च शिक्षा निदेशक, विधायक, विधान पार्षद सदस्य होते है। सीनेट व सिडिकेंट में शिक्षकों, कर्मचारियों के प्रमोशन, नए पाठ्यकम, पेंशन आदि समेत विभिन्न समिति के निर्णय को स्वीकृत किया जाता है। विवि में पांच महीने से नहीं हो रही है सीनेट व सिडिकेट की बैठक

जेपी विश्वविद्यालय में करीब चार -पांच माह से सीनेट व सिडिकेट की बैठक नहीं हो पा रही है, क्योंकि कुलपति प्रो. फारूक अली के वित्तीय व प्रशासनिक निर्णय पर राजभवन ने रोक लगा दी है। राजभवन के तीन सदस्यीय समिति वित्तीय कार्य की जांच कर रही है। चुनाव को ले संघ ने वीसी-रजिस्ट्रार को स्मार पत्र सौंपा

जयप्रकाश विश्वविद्यालय कर्मचारी (स्थायी) संघ ने कुलपति प्रो.फारूक अली एवं कुलसचिव डा. रविप्रकाश बबलू को स्मार पत्र सौंपा है। सौंपे गये स्मार पत्र में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राय रणविजय देव ने कहा है कि विश्वविद्यालय में सीनेट का चुनाव कई वषों से नहीं हुआ है। इस कारण छपरा, सिवान एवं गोपालगंज के विभिन्न कालेजों के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का पक्ष सीनेट में नहीं उठा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन सीनेट व सिडिकेट का चुनाव अविलंब कराए। -------------

लापरवाही :

-सिनेट में कर्मचारियों के एक पद, शिक्षकों के 15 एवं छात्रों के पांच पर होता है चुनाव

-सरकार व राजभवन के प्रतिनिधियों के बल चल रहा है सदन

- शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ ने कुलपति व कुलसचिव से चुनाव कराने की लगाई गुहार

-वर्ष 2006 में तत्कालीन कुलपति डा. जितेद्र सिंह के कार्यकाल में हुआ था चुनाव, तीन साल का होता है कार्यकाल

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