सारण में कबीर पंथ के संतों का समागम

कबीरा मन निर्मल भया जैसे गंगा नीरपाछे-पाछे हरि खिलै कहत कबीर । प्रखंड के गौरीगावां गांव में संत गोरख प्रसाद के आवास पर कबीर पंथ के संतों का समागम हुआ। विभिन्न जिले के अलग-अलग स्थानों से आए कबीर पंथ के संतों द्वारा भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन किया गया। साधु-सतों और आचार्यों द्वारा प्रवचन के माध्यम से ग्रामीणों को धर्म के गूढ़ तत्व से अवगत कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 10:20 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 10:20 PM (IST)
सारण में कबीर पंथ के संतों का समागम
सारण में कबीर पंथ के संतों का समागम

सारण। कबीरा मन निर्मल भया जैसे गंगा नीर,पाछे-पाछे हरि खिलै कहत कबीर । प्रखंड के गौरीगावां गांव में संत गोरख प्रसाद के आवास पर कबीर पंथ के संतों का समागम हुआ। विभिन्न जिले के अलग-अलग स्थानों से आए कबीर पंथ के संतों द्वारा भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन किया गया। साधु-सतों और आचार्यों द्वारा प्रवचन के माध्यम से ग्रामीणों को धर्म के गूढ़ तत्व से अवगत कराया गया। कबीरपंथ के श्री श्री 108 महंत सुरेंद्र दासजी महाराज के नेतृत्व में सात्विक यज्ञ तथा गुरु पूजा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में कबीर पंथ के मानने वाले अनुयायियों ने हिस्सा लिया। महंत श्री सुरेंद्र दास जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि कबीर साहब समता मूलक समाज के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे।सच्चे अर्थों में भक्ति कैसे की जाती है इसको अपनी वाणी और दोहों के माध्यम से संत कबीर ने उजागर किया है। समाज में छाये अंधविश्वास को हटाकर किस प्रकार ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है यह रास्ता संत कबीर ने दिखाया है। कबीर कुआं एक है, पानीहारिन अनेक, बर्तन न्यारे-न्यारे पानी सब में एक। संत कबीर ने अपने दोहे के माध्यम से सभी धर्मों का आदर करते हुए यह बताया है कि रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन पहुंचना सबको वहीं है। अर्थात सब एक मार्ग पर ही चल रहे हैं। कबीर पंथ के भजन कीर्तन साथ-साथ भंडारा का भी आयोजन किया गया। इस दौरान संत गोरख प्रसाद जी महाराज,शिवकुमार साहेब,युगलकिशोर साहेब,अजित कुमार गुप्ता,शिक्षक हरीश कुमार गुप्ता,गंगा साहेब,शंभू दास, ललन कुमार,भोला साहेब,सरपंच विद्यावती देवी,सुमित्रा देवी,विमलेन्दु कुमारी,प्रीति सागर आदि शामिल थे।

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