प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लहलादपुर को है इलाज की जरूरत
सारण। प्रखंड क्षेत्र के लगभग एक लाख की आबादी को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी संभालने वाला प्राथमिक
सारण। प्रखंड क्षेत्र के लगभग एक लाख की आबादी को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी संभालने वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लहलादपुर खुद बीमार है। दैनिक जागरण की टीम ने मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लहलादपुर का ऑन स्पॉट जायजा लिया। दैनिक जागरण के स्थानीय प्रतिनिधि ग्यारह बजे जब अस्पताल पर पहुंचे तो ओपीडी में रोगी का इलाज किया जा रहा था। साढे ग्यारह बजे तक 22 मरीजों का निबंधन हो चुका था। ओपीडी में डेंटल चिकित्सक डॉ. अशरफ अली मरीजों का इलाज कर रहे थे। वही प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत डॉ. ललिता द्वारा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की जा रही थी। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था उपलब्ध नहीं रहने से गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए प्राइवेट जांच केंद्र का सहारा लेना पड़ता है। अस्पताल के लिए उपलब्ध कराई एक्सरे मशीन भी पिछले छह माह से खराब है। अस्पताल में 18 एएनएम का पद स्वीकृत है । लेकिन पांच एएनएम ही पोस्टेड हैं। महिलाओं के लिए प्रसूति विशेषज्ञ की अस्पताल में पोस्टिग नहीं है। इसकी वजह से गंभीर परिस्थितियों में महिलाओं को सदर अस्पताल रेफर करना पड़ता है। पांच एमबीबीएस चिकित्सक के अलावे तीन आयुष चिकित्सक और एक डेंटल चिकित्सक की अस्पताल में पोस्टिग है। एमबीबीएस चिकित्सकों में दो महिला चिकित्सक भी शामिल है। हालांकि एक महिला चिकित्सक फिलहाल पढ़ाई के लिए छुट्टी पर हैं। अस्पताल का भवन खंडहर में तब्दील
संसू, लहलादपुर: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लहलादपुर को दस वर्ष पहले पीएचसी का दर्जा तो मिल गया, लेकिन अस्पताल के लिए नया भवन नसीब नहीं हो पाया। आलम यह है कि भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है। बारिश में छत टपकती है और जहरीले सांप बिच्छू भी अस्पताल के भवन में डेरा जमाए रहते हैं। छत का प्लास्टर अक्सर टूटकर गिरते रहता है। चिकित्सक से लेकर तीन दर्जन कर्मियों की पोस्टिग अस्पताल के संचालन के लिए की गई है, लेकिन कमरे मात्र तीन ही उपलब्ध हैं, वे भी जर्जर हालत में। इन तीन मे से दो कमरे कार्यालय के लिए उपयोग होते हैं और एक कमरे में प्रसव कराने से लेकर मरीजों का इलाज तक होता है। वहीं अन्य कार्यों के लिए एमएलसी सच्चिदानंद राय द्वारा अस्पताल परिसर में बनाए गए जनप्रतिनिधि भवन का सहारा लिया जाता है। वर्जन :
जर्जर भवन की वजह से तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी भी छत टूटकर गिर सकती है। इसकी वजह से हादसा होने की संभावना से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है।
वाहिद अख्तर, हेल्थ मैनेजर
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क्षेत्रीय उप निदेशक ने किया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण
-महिला चिकित्सक, महिला शौचालय एवं एक एम्बुलेंस की कमी
-पीएम सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत पीएचसी मकेर में हुई 90 गर्भवती महिलाओं की जांच
संसू, मकेर : महिला चिकित्सक के न रहने के बाद भी मकेर में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत करीब 90 से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मकेर में मंगलवार को की गई। सारण डिवीजन के क्षेत्रीय उप निदेशक डॉ रत्ना शरण ने मंगलवार को इसी बीच पीएचसी का निरीक्षण किया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. गोपाल कृष्ण से स्वास्थ्य केंद्र में महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली । ठनसमें उन्होंने महिला चिकित्सक महिला शौचालय एवं एक एम्बुलेंस की जरूरत बताई । जिसके लिए उन्होंने सीएस से बात की एवं इस कमी को पूरा कराने की भरोसा दिया । यहां बता दें कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत गर्भवती महिलाओं का बीपी, एनीमिया के साथ अन्य जांच की। इस जांच में सामान्य रूप से गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाली परेशानी एवं उसका निदान का उपाय बताया जाता है । इस दौरान जटिल समस्याओं वाली गर्भवती महिलाओ की पहचान कर उनकी बेहतर देखभाल हेतु वरीय चिकित्सकों के पास भेजा जाता है। इस दौरान क्षेत्रीय उप निदेशक रत्ना शरण के अलावे डा गोपाल कृष्ण, आरबीएम सदान रहमान, डॉ जावेद आलम सहित अन्य कर्मी मौजूद थे। मकेर पीएचसी में महिला चिकित्सक को छोड़ कुल 6 चिकित्सक की नियुक्ति
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मकेर में एमबीबीएस के 4 पद स्वीकृत है । जिसमें डॉ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोपाल कृष्ण,डॉ गंगा सागर एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जावेद आलम के अलावे डेंटिस्ट डॉ चंदन कुमार,आयुष चिकित्सक डॉ रणधीर कुमार सिंह एवं डॉ. पंकज कुमार पदस्थापित हैं।