कैंपस : जेपीयू के शिक्षकों के खाते में सीधे जाएगा वेतन

जयप्रकाश विश्वविद्यालय एवं उसके अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के खाते में अब वेतन की राशि सीधे जाएगी। अबउन्हें वेतन व पेंशन के लिए विश्वविद्यालय की ओर टकटकी नहीं लगानी पड़ेगी। क्योंकि सरकार अब स्कूल शिक्षकों की तरह ही कॉलेज के शिक्षकों को कंप्यूटर फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम(सीएफएमएस) से खाते में राशि भेजेगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 06:29 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 06:29 PM (IST)
कैंपस : जेपीयू के शिक्षकों के खाते में सीधे जाएगा वेतन
कैंपस : जेपीयू के शिक्षकों के खाते में सीधे जाएगा वेतन

जागरण संवाददाता, छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय एवं उसके अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के खाते में अब वेतन की राशि सीधे जाएगी। अबउन्हें वेतन व पेंशन के लिए विश्वविद्यालय की ओर टकटकी नहीं लगानी पड़ेगी। क्योंकि सरकार अब स्कूल शिक्षकों की तरह ही कॉलेज के शिक्षकों को कंप्यूटर फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम(सीएफएमएस) से खाते में राशि भेजेगी।

अप्रैल माह से शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं सेवानिवृत शिक्षकों का पेंशन सीएफएमएस के माध्यम से खाता में चला जाएगा। इसके पहले शिक्षा विभाग एक साथ शिक्षकों एवं कर्मचारी का वेतन एवं पेंशन विश्वविद्यालय के खाते में भेजता था। उसके बाद विश्वविद्यालय से कॉलेज के खाते राशि भेजी जाती थी। तब भुगतान होता था। इसमें काफी विलंब होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कॉलेज शिक्षकों को एक प्रपत्र भरना होगा। उसमें उनकी व्यक्तिगत जानकारी होगी। कुल 74 कॉलम वाला यह प्रपत्र उनका डाटाबेस होगा। इसके बाद इंप्लाई यूजर आईडी जेनरेट होगा। अब शिक्षकों को सिर्फ अनुपस्थिति विश्वविद्यालय में जमा करना होगा। उसकी तीन स्तर से जांच की जाएगी। जिसमें मेकर, चेकर एवं एप्रूवर होंगे। जिसके बाद बिल ऑनलाइन ही ट्रेजरी के अधिकारी के पास पहुंच जाएगा। उसके 72 घंटे के बाद राशि बैंक को भेजी जाएगी। वहां से सीधे राशि शिक्षकों के खाते में चली जाएगी। ससमय वेतन मिल जाएगा। वेतन भुगतान में अनियमितता पर भी रोक लगेगी। इनसेट :

पूर्व प्राचार्य ने दिया जवाब, प्रक्रिया के तहत खर्च हुई राशि

छपरा :

रामजयपाल कॉलेज में वित्तीय वर्ष 2012 -13 में लैंग्वेज लैब के लिए मिले 22 लाख समेत 68 लाख के गबन मामले में विश्वविद्यालय की जांच कमेटी को तत्कालीन प्राचार्य डॉ. रामश्रेष्ठ राय ने जवाब दे दिया है। उन्होंने कमेटी को 128 संचिकाओं की सूची सौंपी है। प्राचार्य ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कॉलेज लैंग्वेज लैब निमार्ण समेत अन्य मामले में उनपर लगाए गए आरोप गलत हैं। कॉलेज में हुए लैंग्वेज लैब के निर्माण से संबंधित सभी संचिकाएं हैं। उनसे आरटीआइ के तहत मांगी सूचना का भी निष्पादन दो साल पहले हो चुका है। पूर्व प्राचार्य ने बताया कि उन्होंने विश्वविद्यालय की उच्चस्तरीय कमेटी के सामने अपना पक्ष रख दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 नवंबर में उनका स्थानातरण एचआर कॉलेज अमनौर में हो गया था। विश्वविद्यालय के निर्देश के बाद वे कॉलेज के सभी तरह का प्रभार हैंडओवर करके गए थे। सारी संचिका कॉलेज में ही होगी। जिसके बाद भी उन्हें बदनाम करने की साजिश हो रही है। उन्होंने कुलसचिव से अनुरोध किया है कि वे सेवानिवृत हो चुके है। इसलिए आरोपों का बिंदुवार जवाब देने के लिए संबंधित संचिका की छायाप्रति कॉलेज प्रशासन से उपलब्ध करा दें, ताकि वे इसका जवाब दे सकें। उल्लेखनीय हो कि इस मामले में 24 अप्रैल को संबंधित लोगों उच्चस्तरीय कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखना है।

chat bot
आपका साथी