छपरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड से नवजात बच्चा चोरी
छपरा। छपरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड से शनिवार की दोपहर एक नवजात बचा गायब हो गया। जिसके बाद परिजनों के हो हंगामे के बाद सदर अस्पताल की निद्रा टूटी और सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन बचे के विषय में कोई सुराग हाथ नहीं लगा। क्योंकि एसएनसीयू वार्ड का सीसीटीवी खराब पड़ा हुआ था। ऐसे में नवजात बचे को ढूंढ पाना अस्पताल प्रशासन के साथ जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है। वहीं सूचना के बाद जिला प्रशासन में भी हड़कंप मच गया।
छपरा। छपरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड से शनिवार की दोपहर एक नवजात बच्चा गायब हो गया। जिसके बाद परिजनों के हो हंगामे के बाद सदर अस्पताल की निद्रा टूटी और सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन बच्चे के विषय में कोई सुराग हाथ नहीं लगा। क्योंकि एसएनसीयू वार्ड का सीसीटीवी खराब पड़ा हुआ था। ऐसे में नवजात बच्चे को ढूंढ पाना अस्पताल प्रशासन के साथ जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है। वहीं सूचना के बाद जिला प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। भगवान बाजार थानाध्यक्ष एवं नगर थानाध्यक्ष के साथ एसपी संतोष कुमार एवं डीएम डा. नीलेश रामचंद्र देवरे भी मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन प्रारंभ की गई। इस दौरान एसआइटी टीम को भी सदर अस्पताल बुलाया गया, लेकिन शाम होने तक बच्चे का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जिसके बाद अस्पताल के मेन गेट पर इमरजेंसी वार्ड के सीसीटीवी से फुटेज खंगाला गया लेकिन उससे भी कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी है। सीसीटीवी फुटेज में एक औरत द्वारा बच्चे को शाल में लपेट कर अस्पताल से ले जाते देखा गया है। लेकिन महिला ने अपने चेहरे को शाल से ढक रखा था। जिसके बाद पुलिस के लिए उस बच्चे की बरामदगी एक चुनौती बना हुआ है। मढ़ौरा विघायक जितेंद्र राय भी सूचना पर सदर अस्पताल पहुंचे व पूरी जानकारी लिए। डीएम व एसपी ने बताया कि यह गंभीर मामला है। जो दोषी पाए जायेंगे, उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बच्चे की बरामदगी के लिए सघन जांच व छापेमारी की जा रही है।
बताते चलें कि शुक्रवार को खैरा थाना क्षेत्र के धूप नगर गांव निवासी सुशील कुमार साह अपनी पत्नी रजंती देवी को प्रसव पीड़ा के साथ सदर अस्पताल में भर्ती कराए थे। जहां उनके द्वारा एक शिशु को जन्म दिया गया था। सदर अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के द्वारा बच्चे की जांच के उपरांत उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था। इस दौरान नवजात की मां को भी एसएनसीयू वार्ड के जच्चा कक्ष में एक बेड दिया गया था। शनिवार की दोपहर 1:35 एसएनसीयू वार्ड में मौजूद नर्स के द्वारा रजंती देवी को उसके बच्चे के लिए हगीज लाने को कहा गया। जिसके बाद उस महिला ने अपने पति को बाजार से हगीज खरीद कर लाने के लिए भेजा। जब तक सुशील हगीज लेकर पहुंचा और वह महिला हगीज लेकर एसएनसीयू वार्ड में पहुंची, इतनी देर में एसएनसीयू वार्ड के फोटोथेरेपी मशीन से उनका बच्चा गायब हो चुका था। जिसके बाद उस महिला ने एसएनसीयू वार्ड में ड्यूटी पर मौजूद नर्स एवं सुरक्षा गार्ड से पूछताछ की तो उसे संतोषप्रद जवाब नहीं मिला। जिसके बाद उस महिला के परिजनों ने सदर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते एसएनसीयू वार्ड के बाहर परिजनों के साथ काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। वहीं नवजात बच्चे के परिजन आक्रोशित होकर तोड़फोड़ करने पर उतारू हो गये। तब तक मौके पर पहुंचे पुलिस पदाधिकारियों ने परिजनों को समझा-बुझाकर बच्चे की बरामदगी का आश्वासन दिया। क्या कहते हैं नवजात के माता-पिता
इस मामले में पूछे जाने पर नवजात के माता पिता सुशील कुमार साह एवं माता रजंती देवी ने बताया कि एसएनसीयू वार्ड में ड्यूटी पर मौजूद नर्स एवं गार्ड के द्वारा साजिश के तहत उन्हें हगीज लाने के लिए भेजा गया था। जिसके बाद वह अपने पति को हगीज लाने के लिए बोल कर अपने कक्ष में चली गई थी। जब तक उसका पति हगीज लेकर आया और वह हगीज देने के लिए एसएनसीयू वार्ड पहुंची तब तक उसका बच्चा वहां से गायब हो गया था। इस दौरान पति-पत्नी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से उसके बच्चे को बेचा गया है। क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि एसएनसीयू वार्ड से एक नवजात बच्चे की चोरी की गई है। इस विषय में छानबीन की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज के खराब होने की बात पर उन्होंने बताया कि एसएनसीयू वार्ड का सीसीटीवी विगत शुक्रवार को शार्ट सर्किट से खराब हो गया था। जिसके कारण बच्चे को चोरी करने वाली महिला की तस्वीर कैद नहीं हो सकी है। हालांकि ड्यूटी पर मौजूद कर्मियों के अनुसार एक महिला को एसएनसीयू वार्ड में देखा गया था। जिसके बाद सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर इमरजेंसी वार्ड के लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई तो उसमें महिला को शॉल में लपेटकर बच्चे को ले जाते हुए देखा गया। लेकिन उस महिला के द्वारा अपने चेहरे को शॉल से ढका गया था। फिलहाल बच्चे की बरामदगी को लेकर उनके द्वारा जिला प्रशासन की मदद ली गई है।