जलभराव से ठहरी मोहल्ले के लोगों की जिदगियां

झमाझम बारिश के कारण शहर के कई मोहल्लों में भारी जलजमाव हो गया है। इससे जिंदगियां ठहर सी गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 05:01 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 05:01 PM (IST)
जलभराव से ठहरी मोहल्ले के लोगों की जिदगियां
जलभराव से ठहरी मोहल्ले के लोगों की जिदगियां

जागरण संवाददाता, छपरा: झमाझम बारिश के कारण शहर के कई मोहल्लों में भारी जलजमाव हो गया है। लोगों की जिदगियां जलजमाव से ठहर सी गई है। मुख्य सड़क से लेकर संपर्क पथ तक पानी में डूब गए हैं। इससे लोगों का जीवन नारकीय हो गया है। बारिश में तो कामता सखी मठ, प्रभुनाथ नगर, शक्तिनगर व उमानगर की मोहल्लों की स्थित और खराब हो गई है।

इन मोहल्ले में सालों भर कीचड़ व पानी रहता है, लेकिन बरसात में तो बद से बदतर स्थित हो जाती है। बारिश के पानी के साथ नाले का गंदा पानी भी घरों में प्रवेश कर जाता है। यहां की बड़ी आबादी को कही भी आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सड़क पर जलजमाव के कारण नाले व सड़क का फर्क मिट जाता है। बरसात के दिनों में अक्सर लोग नाले में गिरते-गिरते बचते हैं। साइकिल व बाइक सवार तो गिरकर जख्मी भी होते है। पीएमओ तक की जा चुकी है शिकायत

मोहल्ले के युवक अंकुर श्रीवास्तव का कहना है कि जून, जुलाई व अगस्त महीने में मुख्य सड़क पर बहुत जलजमाव होता है। मोहल्ले के लोग बरसात के महीने में जूते नहीं पहनते हैं। उनका कहना है कि वे मोहल्ले की सड़कों से जलजमाव को खत्म करने के लिए पीएमओ को भी आवेदन भेजे थे। वहां से मुख्य सचिव को पूरे मामले की जांच कर जलजमाव खत्म करने का निर्देश दिया गया था। उसके बाद स्थानीय प्रशासन ने मोहल्ले में जलजमाव को देखा, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। यह चार साल पहले की बात है। आज भी मोहल्ले की समस्या जस की तस है। -------------------

बारिश से आफत

- बारिश में नारकीय जीवन जी रहे मोहल्ले के लोग, घरों में घुस रहा नाले का पानी - प्रभुनाथ नगर, शक्तिनगर व उमानगर की हालत सबसे अधिक दयनीय -----------------------

फोटो 16 सीपीआर 13

सड़कों पर जलजमाव के कारण राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। बरसात के दिनों में जलजमाव इतना होता है कि बाइक से भी आने-जाने में दिक्कत होती है।

सत्य प्रकाश वर्मा ----------------

फोटो 16 सीपीआर 14

सड़कों पर नाले का गंदा पानी सालों भर बहता रहता है, लेकिन बरसात के दिनों में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर चलना मुश्किल है। घर में कैद हैं।

गुड्डू कुमार ------------------

फोटो 16 सीपीआर 15

मोहल्ले में जलजमाव होने से शाम होते ही लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं। शाम के समय सड़कों पर जलजमाव के कारण चलने में बहुत दिक्कत हो रही है।

गुलशन सिंह -----------------------

फोटो 16 सीपीआर 16

पहले सड़कों पर नाले का पानी लगा था, अब बारिश होने के बाद घरों में भी पानी घुस गया है। इससे बहुत परेशानी हो रही है, बाजार जाने में भी दिक्कत है।

बिदु श्रीवास्तव -----------------------

फोटो 16 सीपीआर 17

बारिश होने पर नाले के गंदा पानी के साथ ही कचरा भी घरों में तैरने लगता है। कूड़ों से निकलने वाली दुर्गंध के कारण घरों में रहना भी मुश्किल हो जाता है।

मंजू सिंह

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फोटो 16 सीपीआर 18

महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे बारिश के कारण हुए जलजमाव से घरों में कैद हो जाते है। महिलाओं व बुजुर्गों को बीमार होने पर डॉक्टरों के पास जाने में भी बहुत दिक्कत होती है।

आयुषी कुमारी

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़फोटो 16 सीपीआर 6, 7, 8, 9

झमाझम बारिश से शहर में पैदल चलना मुश्किल

- डबल डेकर पुल के निर्माण को लेकर पुलिस लाइन से बस स्टैंड तक नारकीय हालत

- कीचड़ से सने सड़क को पारकर लोगों की आवाजाही मजबूरी

- सड़कों की बदहाली के कारण जाम की समस्या से भी जूझने लगे शहरवासी

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जासं, छपरा: पिछले दो दिनों से हो रही मानसून की बारिश ने जहां किसानों को धान की रोपनी को लेकर राहत पहुंचाई है, वहीं शहर की हालत को नारकीय कर दिया है। शहर की स्थिति यह है कि यहां वाहनों से कौन कहे, पैदल चलना भी मुश्किल है। शहर के सभी गली मोहल्ले व सड़क कीचड़ व पानी से भरे हुए हैं। सबसे खराब स्थिति डबल डेकर निर्माण को लेकर है। इस कारण शहर के भिखारी चौक, पुलिस लाइन से लेकर गांधी चौक, सलेमपुर चौक, नगरपालिका चौक, राजेंद्र सरोवर होते हुए बस स्टैंड व दरोगा राय चौक की हालत काफी दयनीय हो गई है। इस मार्ग से आवागमन पूरी तरह बाधित है। गांधी चौक से नगरपालिका चौक तक किसी भी तरह अगर लोग पहुंच भी गए तो उसके आगे नगरपालिका चौक से राजेंद्र सरोवर होते हुए बस स्टैंड जाना काफी मुश्किल है। सड़क पर कीचड़ व पानी का आलम यह है कि बाइक का पहिया भी डूब जा रहा है। कीचड़ में सने सड़क से किसी तरह लोग आवागमन करने को मजबूर हैं। यही हालत साहेबगंज एवं सरकारी बाजार का है। यहां तो दुकानों में भी पानी घुस गया है, जो कोरोना के काल में व्यवसाय को भी प्रभावित कर रहा है। बरसात के समय में शहर में हो रहे सभी निर्माण कार्य अभिशाप बन गए हैं। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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