लोक शिकायत निवारण में जाने के बाद जेपीयू की छात्रा को मिला अंक पत्र

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में स्नातक तृतीय खंड के अंक पत्र को लेकर परेशान छात्रा को लोक शिकायत निवारण की शरण में जाना पड़ा। लोक शिकायत से सुनवाई का नोटिस जारी होने के बाद जेपीयू प्रबंधन ने उसे अंक पत्र निर्गत किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 04:25 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 04:25 PM (IST)
लोक शिकायत निवारण में जाने के बाद जेपीयू की छात्रा को मिला अंक पत्र
लोक शिकायत निवारण में जाने के बाद जेपीयू की छात्रा को मिला अंक पत्र

जागरण संवाददाता, छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में स्नातक तृतीय खंड के अंक पत्र को लेकर तीन महीने से भटक रही छात्रा को लोक शिकायत निवारण से न्याय मिला है। पीसी विज्ञान महाविद्यालय की छात्रा अमृता कुमारी ने लोक शिकायत निवारण कार्यालय में वाद दाखिल (परिवाद की अनन्य संख्या -417110127082102687) कर कहा था कि वह सत्र 2014-17 के मनोविज्ञान आनर्स की छात्रा है। उसका स्नातक द्वितीय खंड का परीक्षाफल अनुतीर्ण होने के कारण बाधित था। स्नातक द्वितीय की परीक्षा 2020 में दी, जिसमें उतीर्ण हो गई। स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा 2018 में दी थी, लेकिन स्नातक द्वितीय खंड के कारण मेरा तृतीय खंड का अंक पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा है। अब मैं द्वितीय खंड की परीक्षा पास कर ली हूं, जिसको लेकर मैनें दो बार जेपीयू के परीक्षा विभाग में जाकर परीक्षा नियंत्रक को आवेदन जमा किया, लेकिन मेरा तृतीय खंड का अंक पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा है। लोक शिकायत निवारण कार्यालय ने अमृता कुमारी के वाद पर सुनवाई के बाद लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने जेपी विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. अनिल कुमार सिंह को नोटिस भेजकर पूरे मामले के बारे में विश्वविद्यालय का पक्ष रखने को कहा था। नोटिस मिलने के बाद आनन-फानन में परीक्षा विभाग ने सुनवाई के पहले ही लोक शिकायत निवारण कार्यालय व छात्रा को तृतीय खंड का अंक पत्र जारी कर दे दिया। छपरा, सिवान व गोपालगंज निवासी अमृता कुमारी कई छात्राएं व छात्र लंबित अंक पत्र, अंक पत्र में त्रुटि सुधार को लेकर महीनों से परीक्षा विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। इससे छात्रों में आक्रोश भी पनप रहा है।

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- सुनवाई को ले नोटिस जाने होने पर परीक्षा विभाग ने दिया अंक पत्र

- अमृता कुमारी तृतीय खंड के अंक पत्र को ले तीन महीने से थी परेशान

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