जेपीयू छपरा ने पांच माह में बढ़ाया चार सौ रुपये परीक्षा शुल्क

जयप्रकाश विश्वविद्यालय में पांच महीने में चार सौ रुपये परीक्षा शुल्क बढ़ा दिया गया है। इससे पीजी प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा फार्म भरने वाले परीक्षार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। मालूम हो कि जेपी विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर सत्र -2017 -19 का परीक्षा फार्म 17 -20 मार्च 21 को भरवाया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 10:50 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 10:50 PM (IST)
जेपीयू छपरा ने पांच माह में बढ़ाया चार सौ रुपये परीक्षा शुल्क
जेपीयू छपरा ने पांच माह में बढ़ाया चार सौ रुपये परीक्षा शुल्क

सारण। जयप्रकाश विश्वविद्यालय में पांच महीने में चार सौ रुपये परीक्षा शुल्क बढ़ा दिया गया है। इससे पीजी प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा फार्म भरने वाले परीक्षार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। मालूम हो कि जेपी विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर सत्र -2017 -19 का परीक्षा फार्म 17 -20 मार्च 21 को भरवाया था। उस समय परीक्षा फार्म भरने का शुल्क पांच सौ रुपये लिया था। लेकिन अब जब स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के सत्र 2018-20 व सत्र 2019-21 का परीक्षा फार्म भरने की तिथि प्रकाशित की गई तो परीक्षा शुल्क नौ सौ रुपये ले रही है यानी पांच माह में परीक्षा शुल्क चार सौ रुपये बिना सीनेट, सिडिकेट के निर्णय के ही बढ़ा दिया गया है।

--------- छात्र संगठन एवं सीनेट सदस्य ने शुल्क वृद्धि का किया विरोध :

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक रवि पांडेय ने स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा प्रपत्र भरने हेतु बढ़ाए गए फीस बढ़ोतरी का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग द्वारा अचानक फीस बढ़ोतरी करना कहीं से भी छात्र हित में नहीं है। कोरोना काल के बाद जब से विश्वविद्यालय परिसर एवं महाविद्यालय परिसर खुला है, तब से ऐसे ही छात्र छात्रा आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। ऊपर से इस विकट परिस्थिति में अचानक इस प्रकार से फीस बढ़ा देना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। इसे अविलंब वापस लिया जाना चाहिए, नहीं तो चरणबंद्ध आंदोलन किया जाएगा। जेपी विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य नवलेश कुमार सिंह एवं लक्ष्मी कुमारी ने बिना सीनेट, सिडिकेट एवं अकादमी परिषद में चर्चा के ही शुल्क वृद्धि को गलत बताते हुए उसे वापस लेने की मांग की है। इनसेट :

छात्र - छात्राओं की सुने :

फोटो 12 सीपीआर 12

जेपी विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग कोरोना काल में परीक्षार्थियों के उपर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है। पांच माह में बिना सीनेट व सिडिकेट के ही शुल्क बढ़ाना गलत है। इसे वापस लिया जाए।

रजनीकांत सिंह,

निवर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष व

पीजी परीक्षार्थी

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जेपी विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा प्रपत्र भरने का शुल्क पांच महीने में चार सौ बढ़ा कर गलत किया है। उसे अविलंब वापस लेना चाहिए। शुल्क बढ़ाने का भी नियम परिनियम है।

रीता कुमारी साव

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पीजी तृतीय सेमेस्टर के परीक्षा फार्म भरने में पांच सौ रुपये लिया गया था। लेकिन पांच माह बाद पीजी प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा भरने में नौ सौ रूपये लेना गलत है। बढ़ा शुल्क अविलंब वापस लिया जाए।

मोनी कुमारी्

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पीजी प्रथम सेमेस्टर का बढ़ा परीक्षा प्रपत्र बढ़ाने का शुल्क छात्र हित में वापस होना चाहिए। कोरोना काल में चार सौ रूपये शुल्क बढ़ाना पूरी तरह से गलत है।

निक्की कुमारी

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पीजी की परीक्षा प्रपत्र भरने का शुल्क वृद्धि वापस लिया जाना चाहिए। विवि प्रशासन छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न दे। छात्र हित में इसे वापस लिया जाए।

अर्पिता सिंह

पीजी परीक्षार्थी

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जेपी विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा शुल्क एका-एक बढ़ा कर गलत किया है। इसे कुलपति व कुलसचिव को संज्ञान में लेकर उसे वापस लेना चाहिए।

शिल्पी कुमारी

पीजी परीक्षार्थी।

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