काम की ये रफ्तार रही तो जून के अंत तक जयप्रभा सेतु पर दौड़ेगे वाहन

जयप्रभा सेतु पर इस महीने के अंत तक फिर गाड़ियां सरपट दौड़ने लगेंगी। इस सेतु की पिचिंग का कार्य तेजी से चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Jun 2020 07:09 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jun 2020 06:11 AM (IST)
काम की ये रफ्तार रही तो जून के अंत तक जयप्रभा सेतु पर दौड़ेगे वाहन
काम की ये रफ्तार रही तो जून के अंत तक जयप्रभा सेतु पर दौड़ेगे वाहन

फोटो 15 सीपीआर 21

संसू, मांझी : बिहार-यूपी को सड़क मार्ग से जोड़ने वाले जयप्रभा सेतु पर जून माह के अंत तक फिर गाड़ियां सरपट दौड़ने लगेंगी। लगभग चार माह से इस सेतु पर वाहनों का परिचालन ठप है। दोनों प्रदेशों के सीमावर्ती इलाके के ग्रामीणों में सड़क निर्माण को लेकर काफी उत्साह है। सेतु के ऊपर पीचिग का कार्य अंतिम चरण में है। हालांकि अभी सेतु के दोनों तरफ लोहे का बैरियर लगा है ताकि भारी वाहनों को आने-जाने से रोका जा सके। छोटे वाहन अब भी सेतु पर चल रहे हैं।

अनुभव जिदगी का नामक संगठन के सदस्यों ने मांझी बलिया मोड़ पर धरना-प्रदर्शन आयोजित कर सेतु के जर्जर सड़क निर्माण की मांग की थी। बाद में महराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल तथा बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया था। बढ़ते दबाव को देखते हुए संबंधित विभाग ने सड़क निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये निर्गत किए। इसके बाद 16 फरवरी को दोनों सांसदों ने विधिवत समारोह करके कार्य का शुभारंभ कर दिया। लेकिन लॉकडाउन के कारण करीब दो माह तक निर्माण कार्य पर ग्रहण लग गया। अनलॉक होते ही निर्माण कार्य पुन: चालू हो गया। निर्माण में लगे कर्मचारियों ने बताया कि इस माह के अंत तक सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

बता दें कि ओवरलोडिग के कारण सेतु पर आवागमन ठप कर दिए जाने से सीमावर्ती दोनों तरफ की ब्यवसायिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं । निर्माण कार्य में लगे कारीगरों ने बताया कि प्रशासन यदि ओवरलोडिग पर अंकुश लगाने में कामयाब रहे तो दशकों तक सेतु की सड़क जर्जर नही होगी। कुल 36 स्तंभ पर 1160 मीटर लंबे इस सेतु की हालत ऐसी हो गई थी कि भारी वाहनों के गुजरने के दौरान पुल में कंपन आ जाता था।

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