कालाजार प्रभावित गांवों में कैंप लगाकर होगी जांच

छपरा। जिले को कालाजार मुक्त करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में कालाजार के रोकथाम को लेकर केयर इंडिया की राज्यस्तरीय टीम के द्वारा दरियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Jan 2021 10:20 PM (IST) Updated:Fri, 08 Jan 2021 10:20 PM (IST)
कालाजार प्रभावित गांवों में कैंप लगाकर होगी जांच
कालाजार प्रभावित गांवों में कैंप लगाकर होगी जांच

छपरा। जिले को कालाजार मुक्त करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में कालाजार के रोकथाम को लेकर केयर इंडिया की राज्यस्तरीय टीम के द्वारा दरियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी। केयर इंडिया के राज्य स्तरीय टीम में खुशबू प्रियंबदा, पुष्कर कुमार शामिल थे। इस दौरान दरियापुर में बढ़ रहे कालाजार मरीजों की संख्या में कमी लाने को लेकर योजना पर चर्चा की गयी। साथ ही सबसे अधिक प्रभावित छोटका बनिया गांव में कैंप लगाकर मरीजों की जांच करने पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मेजर सत्येंद्र सिंह, मुखिया महेश राय, वार्ड सदस्य मोतीलाल राय, स्वास्थ्य प्रबंधक संजीव कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार, शेशांक शेखर, तेजनारायण गुप्ता, घनश्याम कुमार, कल्याण कुमार व अन्य मौजूद थे।

विभागीय सूत्रों के अनुसार बिहार में 2 सितंबर 2014 को कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी, उस समय 33 जिलों के 458 प्रखंड में से 130 प्रखंड कालाजार से प्रभावित थे। वर्ष 2014 में 8028 कालाजार के मरीज प्रतिवेदित हुए थे जो अब मात्र 1344 रह गये हैं। बिहार में कालाजार अक्रांत प्रखंडों की 130 से घटकर मात्र 4 प्रखंड रह गई हैं। सारण जिले के गड़खा, परसा, दरियापुर व सिवान जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड कालाजार प्रभावित है। कालाजार उन्मूलन को सफल बनाने के लिए वर्ष में चार बार सक्रिय मरीज खोज अभियान चलाया जा रहा है। कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं। बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। वहीं आशा को कालाजार के रोगियों को अस्पताल लाने की दिशा में प्रोत्साहन राशि 100 रुपये प्रति मरीज की दर से भुगतान किया जाता है।

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