सारण में तीसरी लहर की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य महकमा

सारण में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में स्वास्थ्य महकमा तैयारियों में जुटा है। तीन आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। बेडों की भी संख्या बढ़ाई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 03:56 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 05:05 PM (IST)
सारण में तीसरी लहर की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य महकमा
सारण में तीसरी लहर की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य महकमा

जागरण संवाददाता, छपरा: सारण में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। यहां का स्वास्थ्य महकमा दूसरी लहर के अनुभव के आधार पर होमवर्क कर रहा है।

इस बार प्रखंड स्तर पर आक्सीजन सिलेंडर व आक्सीजन कंस्ट्रेंटर मशीन भी उपलब्ध रहेगी। प्रखंड स्तर पर भी कोविड मरीजों का उपचार हो सकेगा। प्रखंडों में एंबुलेस से लेकर अन्य व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा कोविड-19 से संक्रमित होने वाले मरीजों के उपचार के लिए विशेष कोविड केयर सेंटर सदर अस्पताल में बनाए गये है। छोटे बच्चों के लिए पीकू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) वार्ड भी बनाया गया है। अस्पताल में दवा भी पर्याप्त मात्र में उपलब्ध है, लेकिन अस्पताल में चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, लैब असिस्टेंट एवं आइसीयू आपरेटर की कमी है।

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कोरोना की तैयारी एक

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तीन जगहों से होगी आक्सीजन की आपूर्ति

स्वास्थ्य विभाग द्वारा दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी को देखते हुए जिले में तीन जगहों पर आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल मढ़ौरा एवं सोनपुर में आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। यह प्लांट 15 अगस्त के पहले चालू हो जाएगा। उसके अलावा आक्सीजन सिलेंडर एवं आक्सीजन कंस्ट्रेंटर मशीन भी पर्याप्त मात्रा में है। --------------

दो एक सौ बेड का कोविड केयर वार्ड

कोरोना संकट की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में तीन कोविड केयर सेंटर का निर्माण किया गया है। इनमें से जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में एक और दूसरा मढ़ौरा अनुमंडलीय अस्पताल एवं तीसरा सोनपुर रेफरल अस्पताल में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। अस्पताल में एक सौं बेड एवं सोनपुर एवं मढ़ौरा में 50-50 बेंड का कोविड केयर सेंटर तैयार किया गया है। ----------------

तीन आक्सीजन सिलेंडर व कंस्ट्रेंटर मशीन भेजी जाएगी पीएचसी में

स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलेंडर एवं आक्सीजन कंस्ट्रेंटर मशीन का भंडारण है। इसे सदर अस्पताल से लेकर प्रखंडों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम अरविद कुमार ने बताया कि आक्सीजन सिलेंडर से कंस्ट्रेंटर मशीन को प्रखंडों में भेजने को ले कार्य योजना बनाया जा रहा है। इसमें वहां भंडारण से लेकर रिफिलिग कहां से होगी, सबकी प्लानिग की जा रही है।

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चार

अस्पताल के पीकू वार्ड में छह बेड की सुविधा सदर अस्पताल के पीकू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) वार्ड में पहले से बेड को बढ़ाकर छह कर दिया गया है। कोरोना की तीसरी लहर से पहले इस वार्ड को विशेष रूप से आधुनिक सुविधा से लैंस कर दिया जाएगा। ताकि कोविड की चपेट में आने वाले बच्चों को यहां विशेष उपचार मिल सके। इसमें हाई केयर बेड के साथ ही आक्सीजन पाइप लाइन, ओपन केयर सिस्टम एवं अन्य उपकरण लगा है। ------------

पांच

अस्पताल में 10 बेड का है एसएनसीयू

सदर अस्पताल में 10 बेड का एनएससीयू (सिक न्यू बार्न केयर यूनिट) भी है। यहां बच्चों का उपचार किया जाता है। कोरोना की तीसरी लहर में यह भी कारगर साबित होगा। एसएनसीयू वार्ड में वेंटिलेटर, सीपेप, बायपेप, प्लस आक्सीमीटर, मानिटर, सेंटर सप्लाय फार आक्सीजन नेबुलाइजर की सुविधा है। इसमें बच्चों को बेहतर सुविधा मिलती है।

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छह

कोरोना मरीजों को ले 10 बेड का आइसीयू

कोरोना संक्रमण की आगामी संभावनाओं को देखते हुए बच्चों एवं अन्य मरीजों के लिए अलग कोविड आइसोलेशन वार्ड के साथ ही 10 बेड का आइसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) भी तैयार किया गया है। यह वेंटिलेटर,आइसीयू मेंट्रेस , बेडसाइट मानिटर समेत अन्य उपकरण से लैंस है। यहां गंभीर मरीजों को रखा जाएगा। सारण में आबादी के अनुसार आइसीयू बेड की उपलब्धता कम है।

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अस्पतालों में कमी

एक सदर अस्पताल में 66 के बदले महज 37 चिकित्सक कार्यरत

सदर अस्पताल में 66 चिकित्सक की आवश्यकता है। उसके बदल में 37 चिकित्सक की तैनाती है। इसमें बाल रोग विशेषज्ञों की कमी है। वहीं अनुमंडल अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तो चिकित्सकों की और कमी है। चिकित्सकों की कमी से परेशानी होती है। --------------

दो

अस्पताल में नर्स व स्वास्थ्यकर्मियों की घोर कमी

अस्पताल में चिकित्सक से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों की घोर कमी है। यहां दो सौ नर्स एवं पारा मेडिकल स्टाफ की जरूरत है। 85 ही पारा मेडिकल स्टाफ व नर्स की तैनाती है। हालांकि कोरोना को लेकर बहाली की प्रकिया चल रही है। ---------------

तीन :

तकनीशियन व लैब असिस्टेंट की भी संख्या कम

अस्पतालों में तकनीशियन एवं लैंब असिस्टेंट की कमी है। इसके कारण कोरेाना की दूसरी लहर में वेटिलेंटर होने के बाद भी लोगों को सुविधा नहीं मिल सकी है। हालांकि अभी तीन तकनीशियन की तैनाती की गई है। लेकिन वह भी कम है। लैब असिस्टेंट की कमी है। ---------------

चार :

एंबुलेंस की संख्या कम होने से मरीजों की बढ़ेगी परेशानी

सदर अस्पताल में 102 एंबुलेंस की भी कमी है। यहां सिर्फ दो ही 102 एंबुलेंस है। इसके कारण मरीजों को बेहतर चिकित्सा के लिए पटना में बने स्पेशल कोविड केयर अस्पताल में भेजने में दूसरी लहर में बहुत दिक्कत हुई थी। संभावित तीसरी लहर को देखते हुए 102एंबुलेस की संख्या नहीं बढ़ सकी है। ---------------------

फोटो 21 सीपीआर 4, 5, 6

- सदर अस्पताल, मढ़ौरा व सोनपुर अनुमंडल में बन रहा आक्सीजन जेनरेशन प्लांट, बच्चों को ले बनाया गया है छह बेड का वार्ड

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- 15 अगस्त के पहले आक्सीजन प्लांट तैयार करने का निर्देश

- कोरोना से बचाव की व्यवस्था पर भारी पड़ सकती स्टाफ की कमी

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