हथुआ मार्केट: समस्याओं के मकड़जाल में व्यवसायी

हथुआ स्टेट की जमीन में बसा छपरा के हथवा मार्केट में खरीदारी करना एक जमाने में काफी शान की बात थी। अब यहां मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पातीं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 04:59 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 04:59 PM (IST)
हथुआ मार्केट: समस्याओं के मकड़जाल में व्यवसायी
हथुआ मार्केट: समस्याओं के मकड़जाल में व्यवसायी

हथुआ स्टेट की जमीन में बसा छपरा के हथवा मार्केट में खरीदारी करना एक जमाने में काफी शान की बात मानी जाती थी। वह स्थिति आज भी है, लेकिन मार्केट के अंदर का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है। मार्केट के कुछ हिस्से को हथुआ स्टेट द्वारा नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया गया है। अब यह मार्केट अपने पुराने अतीत को खोता जा रहा है। दो मंजिला दुकानें तो बन गई हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। पूर्व में खूबसूरती व साफ सफाई का उदाहरण हथुआ मार्केट को लेकर जो दिया जाता था, वह पूरी तरह धूमिल हो गया है। मार्केट पूरी तरह से गंदगी व कचरे से भर गया है। इसका खामियाजा यहां के दुकानदार भुगत रहे हैं।

- बारिश होने पर झील सा दिखने लगता मार्केट

छपरा शहर के मुख्य बाजार में शुमार हथुआ मार्केट अपनी दुर्दशा पर रो रहा है। यहां के व्यवसायी समस्याओं के मकड़जाल में फंसे हुए हैं। समस्या ऐसी है कि वर्षों बाद भी उसका निदान नहीं हो सका है। बारिश का समय हो तो जलजमाव और अन्य दिन हो तो गंदगी व कचरे का अंबार इस मार्केट की नियति बन गई है। बेतरतीब खड़ी गाड़ियां और जगह-जगह शौचालय की बदबू इसकी दुर्दशा को खुद बयां करती है। व्यवसायियों द्वारा समय पर नगर निगम को टैक्स भी दे दिया जाता है, इसके बावजूद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई है। यहां पर आज तक यूरिनल की व्यवस्था नहीं की गई है। दुकानदार बारिश के दिनों में चाह कर भी अपना व्यवसाय नहीं कर पाते हैं, क्योंकि कैंपस के चारों ओर भारी जलजमाव हो जाता है। इसके कारण सामान खरीदने वाले लोगों की संख्या काफी कम पहुंचती है।

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24 सीपीआर 7

बरसात के मौसम में हथुआ मार्केट परिसर में काफी जलजमाव हो जाता है। उस वक्त ग्राहक भी खरीदारी के लिए नहीं आते हैं। उस दिन धंधा पूरी तरह चौपट हो जाता है। जल की निकासी के लिए कई बार विभाग से गुहार लगाई गई है, लेकिन आज तक स्थिति वैसी ही बनी हुई है।

मोहम्मद जमाल असरफ, जूता-चप्पल दुकानदार 24 सीपीआर 8

अवैध रूप से यहां पार्किंग निर्माण करा दिया गया है। प्रशासन को कई बार सूचित किया गया है। वहीं नगर निगम को भी इसकी जानकारी दी गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कैंपस में बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े होते हैं, जिसके कारण व्यवसाय प्रभावित होता है।

उदय प्रताप सिंह ---------------

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हथुआ मार्केट के परिसर में जो नाला है, उसकी सफाई नहीं होती है। इससे जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। महीने में एक बार भी नाले की सफाई हो जाए तो जलजमाव से मुक्ति मिल सकती है। कैंपस में जो पानी लगा हुआ है, उसमें आए दिन ग्राहक गिरकर जख्मी होते हैं।

अनुराग प्रताप सिंह 24 सीपीआर 10

बरसात के मौसम में व्यवसाय करना काफी दुखदाई होता है जलजमाव की समस्या आम हो गई है। उस वक्त बिजनेस काफी प्रभावित हो जाता है। अधिक बारिश होने पर दुकान में भी पानी घुस जाता है। मार्केट कैंपस की सफाई सही तरीके से नहीं होती है। खामियाजा व्यवसाई भुगतते हैं।

अविनाश कुमार सिंह उर्फ बिट्टू ---------------

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बरसात के दिनों में हथुआ मार्केट के परिसर में जलजमाव हो जाता है। ग्राहकों को आने में काफी दिक्कत होती है। वर्षा अधिक होने के कारण दुकान में पानी प्रवेश करता है। परिसर में एक भी यूरिनल नहीं है, इसके कारण सभी वर्गों के लोगों को परेशानी होती है।

मोहम्मद जमालु ------------

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हथुआ मार्केट में आज के समय में व्यवसाय करना अपने आप में एक चुनौती है। गंदगी व जलजमाव के बीच व्यवसाय काफी प्रभावित हो रहा है। इसको लेकर कई बार गुहार लगाई गई है, लेकिन समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। बारिश के दिनों में आफत हो जाती है।

अजमेरी ----------------

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मार्केट कैंपस में पार्किंग के साथ-साथ यूरिनल की व्यवस्था अति आवश्यक है। यूरिनल की व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्राहक से लेकर दुकानदार तक प्रभावित होते हैं। सबसे अधिक समस्या महिला ग्राहकों को होती है। इस पर नगर निगम को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

वसीम रजा ---------------

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हथुआ मार्केट की सबसे बड़ी समस्या बरसात के दिनों में जलजमाव की है। इससे व्यवसाय काफी प्रभावित होता है। वही कैंपस के काफी गंदगी रहती है। इसके कारण ग्राहकों को भी समस्या होती है। नगर निगम प्रशासन को इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

धर्मेंद्र कुमार गुप्ता

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- गंदगी व पार्किंग की समस्या से रोजाना जूझ से हैं दुकानदार व ग्राहक

-मार्केट में एक भी यूरिनल नहीं होने के कारण ग्राहक से लेकर दुकानदार तक रहते हैं परेशान

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