गंगा दशहरा पर हजारों श्रद्धालुओं ने पहलेजाघाट गंगा नदी में लगाई आस्था की डुबकी

सोनपुर। मूसलाधार बारिश के बीच हर हर गंगे के जयघोष से सोनपुर का पहलेजाघाट धाम रविवार को गुंजायमान हो गया। अवसर था गंगा दशहरा के मौके पर मोक्षदायनी दक्षिणमुखी पावन गंगा नदी में डुबकी लगाने का। माना जाता है कि इसी तिथि को पृथ्वी पर गंगा का अवतरण हुआ था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 12:11 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 12:11 AM (IST)
गंगा दशहरा पर हजारों श्रद्धालुओं ने पहलेजाघाट गंगा नदी में लगाई आस्था की डुबकी
गंगा दशहरा पर हजारों श्रद्धालुओं ने पहलेजाघाट गंगा नदी में लगाई आस्था की डुबकी

सोनपुर। मूसलाधार बारिश के बीच हर हर गंगे के जयघोष से सोनपुर का पहलेजाघाट धाम रविवार को गुंजायमान हो गया। अवसर था गंगा दशहरा के मौके पर मोक्षदायनी दक्षिणमुखी पावन गंगा नदी में डुबकी लगाने का। माना जाता है कि इसी तिथि को पृथ्वी पर गंगा का अवतरण हुआ था। इसे लेकर भारी बारिश और तेज आवाज के साथ कड़कती आकाशीय बिजली की परवाह किए बिना बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में हर हर गंगे के जयकारे के साथ डुबकी लगायी ।

पहलेजा घाट मेला विकास समिति के अध्यक्ष लाल बाबू राय ने बताया कि गंगा में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला दोपहर बाद तक जारी था। वहीं पहलेजाघाट के प्रभारी ओपी प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि गंगा स्नान के दौरान कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई । दूसरी ओर गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि को लेकर पहलेजाघाट से गंगा उस पार रमसापुर, छितरचक, गरीपट्टी आदि गांव जाने वाले पीपा पुल को संभावित खतरे के मद्देनजर बंद कर दिया। अब पहलेजाघाट से इन गांवों तक आवागमन के लिए नाव ही साधन होगा। इधर पहलेजाघाट गंगा तट पर दशहरा को लेकर पूजा पाठ की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों ने अपनी अस्थायी दुकानें लगाई। गंगा स्नान के बाद अनेक श्रद्धालुओं का जत्था बाबा हरिहर नाथ मंदिर पहुंचा। लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर बाबा हरिहर नाथ मंदिर को लंबे समय से बंद रखा गया है। नियमित पूजा अर्चना व जलाभिषेक तथा आरती का कार्यक्रम केवल मंदिर के पंडा पुजारी ही संपन्न करा रहें हैं। अन्य भक्त का प्रवेश वर्जित है। परिणाम स्वरूप भक्तों का जत्था मंदिर के बंद मुख्य प्रवेश द्वार पर ही जल अर्पण तथा पूजा पाठ कर बाहर से बाबा हरिहर नाथ को अपना प्रणाम निवेदित कर वापस लौट जा रहा है।

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