सारण में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंडक नदी

छपरा। सारण जिले में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। तेजी से गंडक नदी के बढ़ने से यहां बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। गंडक नदी( रेवा घाट) का जलस्तर खतरे के निशान से एक सेंटीमीटर उपर बह रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 04 Jul 2021 11:24 PM (IST) Updated:Sun, 04 Jul 2021 11:24 PM (IST)
सारण में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंडक नदी
सारण में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंडक नदी

छपरा। सारण जिले में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। तेजी से गंडक नदी के बढ़ने से यहां बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। गंडक नदी( रेवा घाट) का जलस्तर खतरे के निशान से एक सेंटीमीटर उपर बह रही है। गंडक के जलस्तर का खतरे का निशान 54.410 मीटर है, जबकि चार जुलाई 21 को सुबह आठ बजे 54.370 मीटर 12 बजे 54.400 मीटर, एक बजे 54.400, तीन बजे 54.420 एवं चार बजे 54. 420 मीटर है। इस हिसाब से अभी गंडक खतरे के निशान से एक सेंटीमीटर उपर बह रही है। इसी रफ्तार से गंडक नदी के बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसके बाद से 24 घंटे तटबंध व नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने समेत अन्य सुरक्षा के उपाय किये जा रहे हैं। गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद तटीय इलाके की हालत खराब

पानापुर। गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से तटीय इलाकों की स्थिति खराब हो गई है। तटीय इलाकों में बसे लोगों के घरों में एक बार फिर पानी भर गया है, जिससे लोग बेहद मुश्किलों का सामना करने को विवश हैं। सरकारी स्तर पर अभी तक उन्हें किसी प्रकार की सहायता प्रदान नही की जा सकी है। घर में पानी प्रवेश कर जाने से लोग घर छोड़ सारण तटबंध पर शरण लिए है। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में वृद्धि होने के कारण बाल्मीकि नगर बैराज से गंडक नदी में पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। इससे गंडक नदी पूरे उफान पर है। पानी बढ़ने के कारण पानापुर प्रखंड के पृथ्वीपुर, सलेमपुर, सोनबरसा, बसहियां, उभावां एवं रामपुररुद्र 161 गांव के तटीय इलाकों में मौजूद सैकड़ों घरों में पानी भर गया है। इससे लोग घर बार छोड़ ऊंचे स्थल पर शरण लिए हुए हैं। सबसे खराब स्थिति रामपुररुद्र 161 गांव की है। वहां दर्जनों परिवारों वाला एक बस्ती टापू में तब्दील हो गया है। बस्ती में जानेवाली सड़क पानी के दबाव के कारण तीन-चार जगहों पर ध्वस्त हो गई है एवं उसपर तीन से चार फीट तक पानी बह रहा है। इससे यातायात पूरी तरह ठप है।

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