गंडक नदी में हो रहे कटाव से घबराए किसानों ने किया प्रदर्शन

गुरू का स्थान सबसे उपर है शैलेंद्र प्रताप सिंह छपरा. गुरू पूर्णिमा के अवसर पर जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह ने सभी को इस दिन की बधाई दी है। इस दौरान शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हर किसी के जीवन में कई लोगों का महत्व होता है लेकिन उसमें गुरू का महत्व सबसे उपर है। गुरू से उपर कोई नहीं हो सकता है और गुरू हर परिस्थिति में आदरणीय होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी मनुष्य के जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश लाने वाले गुरू को हमारी संस्कृति में देवतुल्य माना गया है। हमारे जीवन में गुरु का विशेष महत्व होता है और गुरु ही मार्गदर्शक बनकर हमें जीवन जीने के सही मूल्यों को सिखाते हैं। गुरु ज्ञान शांति भक्ति व शक्ति तक पहुंचने का मार्ग है। शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि भारतवर्ष के इतिहास में कई महान गुरू हुए हैं जिन्होंने पूरे विश्व को ज्ञान का दीपक दिखाया है। भारतीय सभ्यता में गुरू पूजनीय हैं और उन्हें सर्वत्र पूजना ही चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 11:28 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:09 AM (IST)
गंडक नदी में हो रहे कटाव से घबराए किसानों ने किया प्रदर्शन
गंडक नदी में हो रहे कटाव से घबराए किसानों ने किया प्रदर्शन

सारण। प्रखंड के पृथ्वीपुर से बसहियां के बीच गंडक नदी के तटबंध में हो रहे कटाव को रोकने के मामले में प्रशासनिक स्तर पर बरती जा रही शिथिलता को लेकर दर्जनों किसानों ने रविवार की सुबह प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि गंडक नदी के जलस्तर में हो रहे उतार चढ़ाव बीच तेजी से कटाव जारी है। गंडक नदी के मुख्य तटबंध व नदी के धारा के बीच किसानों की खेती योग्य सैकड़ो एकड़ भूमि है । जिसपर लोंग वर्षो से खेती करते आ रहे है । ये कटाव के साथ नदी में समाते जा रहा है जिससे किसानों की बेचैनी बढ़ गई है। इसी को लेकर ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे है। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा राम में मात्र एक घंटे कटावरोधी कार्य किया जा रहा है जो नाकाफी है। कटावरोधी कार्य के नाम पर लूटखसोट की जा रही है जिससे हमारे सैकड़ो एकड़ जमीन नदी की धारा में विलीन होते जा रहे हैं। मालूम हो कि सारण तटबंध के किलोमीटर 76 से 77 के बीच कटावरोधी कार्य एवं नदी के बीचोबीच चिराई के बाद नदी की धारा बसहिया एवं सलेमपुर गांव की तरफ मुड़ गयी है। गत वर्ष भी इन गांवों में कटावरोधी कार्य कराये गये थे जिसे नदी की तेज धारा अपने साथ बह गई है।

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