मढ़ौरा में खाद की किल्लत से परेशान हैं किसान

रबी के फसल का समय आ गया है। किसान रबी फसलों की बोआई की तैयारी में लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 05:01 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 05:01 PM (IST)
मढ़ौरा में खाद की किल्लत से परेशान हैं किसान
मढ़ौरा में खाद की किल्लत से परेशान हैं किसान

संसू, मढ़ौरा (सारण): रबी के फसल का समय आ गया है। किसान रबी फसलों की बोआई की तैयारी में हैं, लेकिन बाजार से उर्वरक गायब है। जिन किसानों ने बोआई कर दिया है, वे सबसे ज्यादा चितित हैं। प्रखंड के सभी खाद बीज भंडारों में खाद नहीं मिलने की वजह से किसान मायूस हैं। किसान बीज लेने के बाद दुकान-दुकान भटक रहे है। हालांकि कुछ दुकानों में थोड़ा बहुत खाद है जो कालाबारी के मूल्य से बिक्री हो रहा है। ई-किसान भवन में किसानों को अनुदानित दर पर गेहूं का बीज वितरण किया जा रहा है, लेकिन किसान जब खाद खरीदने के लिए जा रहे हैं तो उपलब्ध नहीं हो रहा है। किसानों की मानें तो खाद करीब एक सप्ताह से अधिक समय से नहीं मिल रहा है। उधर, बिस्कोमान भवन के बंद होने के कारण किसान ज्यादा परेशान है। किसानों का कहना है पूर्व में विस्कोमान भवन में खाद वितरण नहीं होने की वजह से यह समस्या बनी हुई है। पूर्व में विस्कोमान से ही सही मूल्य पर खाद उपलब्ध समय से होता था। अब तो खाद ज्यादा मूल्य पर भी नहीं मिल रहा है। प्रखंड के कुछ खाद बीज भंडार के दुकानदारों ने बताया कि खाद दुकान से समाप्त हो चुका है। दो तीन दिन में उपलब्ध होते ही वितरण किया जाएगा। वहीं प्रखंड कृषि पदाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि खाद बीज का नहीं होना प्रखंड के साथ बिहार की समस्या है। इस सप्ताह में खाद उपलब्ध होने की संभावना है। खाद उपलब्ध होते ही समस्या दूर हो जाएगी। ----------

सभी खाद बीज भंडारों पर खाद उपलब्ध नहीं है। चोरी छिपे कई जगहों पर खाद की बिक्री की जा रही है। प्रति पैकेट 100 से 150 रूपये ज्यादा के हिसाब से लिया जा रहा है, जो हम लोगों के लिए मजबूरी बन गया है।

वकील प्रसाद, भावलपुर पूरब टोला

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खाद के लिए करीब एक सप्ताह से सभी दुकानों पर घूम चुका हुं, लेकिन खाद उपलब्ध नहीं। बीज लेकर घर पर रखा हूं। खाद मिलते ही बुआई होगी। बोआई का समय निकल रहा है।

सतीश कुमार, पकहां

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प्रखंड में खाद की ऐसी किल्लत पहले नही थी। पूर्व में विस्कोमान के माध्यम से हम लोगो को जितनी जरुरत होती थी, खाद मिल जाता था। अब आज ज्यादा पैसा देने पर भी खाद उपलब्ध नहीं है।

सुरेंद्र सिंह, असोईयां

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मेरा घर मढ़ौरा बाजार से बहुत दूर है। मैं बीज खरीदारी करके घर पर रखा हूं और रोज इंत•ार कर रहा हूं कि कब खाद मिले कि मै उसे खरीदकर बोआई का काम शुरू करूं।

शिवपरसन राय, इसरौली

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