आयुर्वेद व योग से ठीक हो जाता जटिल रोग: कुलपति

शहर के रामकृष्ण मिशन आश्रम में सोमवार को सात दिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:13 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:13 PM (IST)
आयुर्वेद व योग से ठीक हो जाता जटिल रोग: कुलपति
आयुर्वेद व योग से ठीक हो जाता जटिल रोग: कुलपति

जागरण संवाददाता, छपरा : शहर के रामकृष्ण मिशन आश्रम में सोमवार को सात दिवसीय नि:शुल्क आयुर्वेदिक एवं योग शिविर का शुभारंभ हुआ। इसका विधिवत उद़्घाटन जेपी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फारूक अली, जिलाधिकारी डा. नीलेश रामचंद्र देवरे एवं अपर समाहर्ता डा. गगन एवं भाजपा जिला अध्यक्ष राम दयाल शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने कहा कि आयुर्वेदिक एवं योग से जटिल से जटिल रोग ठीक हो जाता है। कोरोना संक्रमण से बचाव में आयुर्वेद बहुत की कारगर साबित हुआ है। आयुर्वेद एवं योग पद्धति का दैनिक जीवन में उपयोग करने की जरूरत है। आयुर्वेद एवं योग के शिविर के आयोजक आयुर्वेदाचार्य डा. राजेश रंजन एवं योग प्रशिक्षिका अनामिका कुमारी ने बताया कि सात दिनों तक योग व आयुर्वेद चिकित्सा लोगों को किया जाएगा। उन्हे नि:शुल्क दवा भी दी जाएगी। इस मौके पर एनसीसी आफिसर डा. विश्वामित्र पांडेय, डा. मंजय शर्मा, सुबोध कुमार गिरी, वीके श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।

जिलाधिकारी ने एमडीएम कार्यक्रम का किया शुभारंभ

जासं, छपरा : जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को समाहरणालय परिसर में जिलाधिकारी डा. नीलेश रामचंद्र देवरे के द्वारा किया गया। जिलाधिकारी ने दवा खिलाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। जिलाधिकारी के द्वारा हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को भी रवाना किया गया। इस मौके पर उन्होने कहा कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। इससे बचाव के लिए प्रत्येक पात्र व्यक्ति को एमडीए दवा का सेवन करना जरूरी है। फाइलेरिया से बचाव ही इसका उपचार है। जागरूकता और सावधानी से ही इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए एमडीए के दौरान दवा का सेवन जरूरी है। फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए सार्थक सिद्ध होगा। घर के सभी सदस्यों को उनके उम्र के अनुसार गोलियां दी जाएंगी और सभी लोगों को अपने सामने ही दवा खिलाना होगा। गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों और किसी गंभीर रोग होने पर फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी एक और अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है। पांच से 15 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है। वहीं, 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन व अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है। अल्बेंडाजोल की गोली हमेशा चबा कर खाएं और खाली पेट कभी भी नहीं खाएं। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. जेपी सुकुमार, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, भीबीडीसी प्रतिकेश कुमार, केयर डीपीओ भीएल आदित्य कुमार, पीसीआई आरएमसी संजय यादव, सीफार के डीसी गनपत आर्यन, रितेश राय समेत अन्य मौजूद थे।

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