एएनएम को दी गई एनीमिया के कारण और बचाव की जानकारी

गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अमानत ज्योति योजना के तहत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 05:01 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:33 AM (IST)
एएनएम को दी गई एनीमिया के कारण और बचाव की जानकारी
एएनएम को दी गई एनीमिया के कारण और बचाव की जानकारी

छपरा। गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अमानत ज्योति योजना के तहत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें आउटरीच में कार्यरत एएनएम को मॉड्यूल दो का प्रशिक्षण दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सर्वजीत कुमार ने प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया। इसमें केयर इंडिया के नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी, बीएम प्रशांत कुमार सिह ने प्रशिक्षण दिया। इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सर्वजीत कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं में खून की कमी और इसके बचाव को लेकर जागरूक करना है। इसके लिए प्रशिक्षित नर्सो को आइइसी मैटेरियल भी दिया गया। महिलाओं में प्रसव के समय एनीमिक रहने की जानकारी रहने पर एएनएम बेहतर परामर्श और देखभाल कर सकती हैं।

मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक राकेश कुमार सिंह, अफजल, समीर सुनिल, नीतेश, एएनएम सरोज कुमारी, रत्ना कुमारी समेत अन्य मौजूद थे।

समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी का आयोजन किया जाता है। इसमें आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से प्रसव पूर्व जांच एवं बच्चों के टीकाकरण के अलावा नवजात की देखभाल एवं परिवार नियोजन पर परामर्श भी दी जाती है। उन्होंने कहा आरोग्य दिवस पर प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। गर्भावस्था से लेकर शिशु के दो वर्ष की आयु तक का समय महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान माता के बेहतर पोषण के साथ प्रसव पूर्व जाँच भी जरूरी होती है। इसलिए सभी एएनएम की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र में शत-प्रतिशत गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जांच को सुनिश्चित करें।

आरोग्य दिवस की सहायता से सामुदायिक स्तर पर प्रसव पूर्व जांच एवं टीकाकरण की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो पा रही है। इसमें आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है। स्वास्थ्य विभाग भी इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के क्षमता वर्धन की जरूरत को ध्यान में रखते हुए निश्चित अंतराल पर इस तरह के प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत शिशु को विशेष सुविधा प्रदान की गयी है। एक साल तक बीमार बच्चों को घर से अस्पताल तक निशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा भी प्रदान की जाती है।

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