बाढ़ रोकने के लिए सारण तटबंध को किया जा रहा मजबूत

पिछले साल प्रलंयकारी बाढ़ की विभीषिका झेलने वाले ग्रामीण बाढ़ आने की संभावना को लेकर अभी से ही सशंकित नजर आ रहे हैं। वही प्रशासनिक स्तर से तटबंध को सुरक्षित करने को लेकर पिछले पांच महीने से व्यापक स्तर पर कार्य कराया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि तटबंध पर जो कार्य कराया जा रहा उससे बाढ़ आने की संभावना न के बराबर है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 10:37 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 10:37 PM (IST)
बाढ़ रोकने के लिए सारण तटबंध को किया जा रहा मजबूत
बाढ़ रोकने के लिए सारण तटबंध को किया जा रहा मजबूत

सारण । पिछले साल प्रलंयकारी बाढ़ की विभीषिका झेलने वाले ग्रामीण बाढ़ आने की संभावना को लेकर अभी से ही सशंकित नजर आ रहे हैं। वही प्रशासनिक स्तर से तटबंध को सुरक्षित करने को लेकर पिछले पांच महीने से व्यापक स्तर पर कार्य कराया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि तटबंध पर जो कार्य कराया जा रहा उससे बाढ़ आने की संभावना न के बराबर है। लेकिन ग्रामीणों के अंदर भय का माहौल बना हुआ है। गत वर्ष के जुलाई में गंडक नदी में नेपाल द्वारा लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी के सारण तटबंध गोपालगंज जिले के करीब आधा दर्जन स्थानों पर टूट गया था। इस दौरान सारण जिले के पानापुर प्रखंड क्षेत्र के सोनबरसा, सलेमपुर, बृतभगवानपुर आदि स्थानों पर हुए कटाव के कारण तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया था। तटबंध टूटने के बाद जिले के अधिकांश भाग गंभीर बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इसमें पानापुर, तरैया, मशरक, परसा, दरियापुर, मकेर, मढ़ौरा आदि प्रखंडों में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई थी। बाढ़ का कहर तीन महीने तक जारी रहा। जिससे प्रभावित इलाके में जनधन की भारी क्षति हुई थी। समस्या की गंभीरता को देखते हुए तरैया विधायक सह सत्तारूढ़ दल के उप मुख्य सचेतक जनक सिंह ने इस मामले को विधानसभा में उठाते तटबंध को दुरुस्त करने की मांग की थी। जिसके बाद सरकार द्वारा व्यापक पैमाने पर खाका तैयार कर सारण एवं गोपालगंज जिले में क्षतिग्रस्त तटबंध का जनवरी में कार्य प्रारंभ करा दिया गया, जो अभी भी प्रगति पर है। इस बीच दोनों जिले में चल रहे तटबंध मरम्मत कार्य का बीते 21 मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं जलसंसाधन मंत्री संजय झा ने संयुक्त निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया था। फिलहाल तटबंध मरम्मत का कार्य अंतिम चरण पर है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि तटबंध मरम्मत का कार्य अंतिम दौर में है। पूर्व में जिन जगहों पर तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ था उसे ठीक करा दिया गया है। पानी आने के बाद जो भी स्थिति उत्पन्न होगी उसके हिसाब से और कार्य कराया जाएगा। इनसेट छोटी नदियों व नहरों की साफ-सफाई से बाढ़ के वेग को किया जा सकता है कम

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- सभी नदी व नहर की साफ-सफाई व बांध के सु²ढ़ीकरण से कुछ हद तक बाढ़ के जल प्रवाह को विकेंद्रीकृत किया जा सकता है - गंडक नदी का लगाव तरैया स्थित डबरा, मही व खदरा नदी से है, जिसके साफ -सफाई व चेक डैम बनाने से लेकर नहर के माध्यम से भी बाढ़ के पानी को विभाजित किया जा सकता है

संसू, तरैया(सारण) : प्रखंड में पिछले वर्ष 27 जुलाई को बाढ़ का पानी प्रवेश किया था और लगभग दो महीने तक तबाही मचाते रहा। जिससे बाढ़ पीड़ितों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। प्रखंड में गंडक नदी के तटीय इलाकों में स्थित गांव समेत कुल 86 गांव हैं, जिसमें कुछ गांव आंशिक तो शेष गांव पूर्ण रूप से बाढ़ से प्रभावित थे। एक बार फिर बाढ़ आने की संभावना से ग्रामीण सशंकित नजर आ रहे है। हालांकि सरकार ने बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर सारण तटबंध को मजबूत करने का कार्य शुरू कर दिया है। अब देखना यह है कि इसबार बरसात के समय बाढ़ की स्थिति क्या होगी। गोपालगंज जिले में सारण तटबंध व छरकी के टूटने से तरैया में ऐसा जल प्रलय आता है। पिछले वर्ष आई बाढ़ की त्रासदी को जेहन में आते ही बाढ़पीड़ित सिहर से जाते हैं। वैसे भी बरसात के समय गंडक नदी के उफान से तटीय क्षेत्र जलमग्न हो ही जाता है।

प्रखंड में स्थिति सभी नदी व नहर की साफ-सफाई व बांध के सु²ढ़ीकरण से कुछ हद तक बाढ़ के जल प्रवाह को विकेंद्रीकृत किया जा सकता है। जिससे क्षति कम हो। गंडक नदी का लगाव तरैया स्थित डबरा,मही खदरा नदी से है। जिसके साफ -सफाई व चेक डैम बनाने से लेकर नहर के माध्यम से भी बाढ़ के पानी को विभाजित किया जा सकता है। सारण तटबंध स्थिति माधोपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मनी प्रताप सिंह ने बताया कि तरैया प्रखंड को बाढ़ मुक्त करने के लिए हैजलपुर से मथुरा धाम तक सारण तटबंध के पूर्वी छोर से एक और बांध का निर्माण जरूरी है। वैसे भी प्रखंड स्थिति सारण तटबंध नहीं गोपालगंज में बांध व छरकी टूटने से बाढ़ आता है।

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