चमकी बुखार से बचाव को जागरूकता अभियान

जिले में एईएस व जेई से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 05:08 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 05:08 PM (IST)
चमकी बुखार से बचाव को जागरूकता अभियान
चमकी बुखार से बचाव को जागरूकता अभियान

जासं, छपरा: जिले में एईएस व जेई से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विभाग द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं, आशा कार्यकर्ता भी अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में चमकी बुखार व जेई से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडये भी अपने फेसबुक व ट्वीटर के माध्यम से लगातार पोस्टर शेयर कर आमजनों को जागरूक कर रहें है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि लोगों को बताया जा रहा है कि वह बच्चों को रात में भूखे पेट न सोने दें। तेज धूप में बच्चों को न जाने दें। जगह-जगह पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। किसी तरह की कोई परेशानी होने पर तुरंत स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाएं, जहां बच्चे की समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग एईएस और चमकी बुखार की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में इसके लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं। इलाज के लिए उपकरण और दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है।

डीएमओ डा. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले के सभी आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एईएस किट दी गयी है। पैरासिटामोटल टैबलेट, ओआरएस का पैकेट व प्रचार सामग्री है, ताकि किसी बच्चे की सेहत खराब होने और उनमें चमकी बुखार के लक्षण दिखे तो बताये गये डोज के हिसाब से आशा कार्यकर्ता दवा दे सके। तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराना भी सुनिश्चित करा सके।

डीएमओ ने कहा कि गंभीर बीमारी चमकी से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज किया जाये तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष चमकी को धमकी नामक थीम रखी गयी है। इसमें तीन बातों को याद रखने की जरूरत है। इसमें पहली यह है कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलायें। इसके बाद सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाएं। देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं हुई है। अंत में बेहोशी या चमकी दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जायें। चमकी बुखार से पीड़त बच्चों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस सेवा दी जाती है। -----------

तैयारी

- जिला व प्रखंड स्तर पर लोगों को जागरूक करने को लगाए गए बैनर-पोस्टर

- आशा कार्यकर्ताओं को दी गयी है जरूरी दवाओं की किट, मिलेगा मरीजों को

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