सारण में खरीफ की खेती को पर्याप्त खाद-बीज उपलब्ध

धान की खेती का वक्त आ गया है। मौसम किसानों का साथ दे रहा है और बारिश ने खरीफ फसलों के लिए अनुकूल समय बना दिया है। धान की सीधी बोआई और रोपाई लायक खेतों में पर्याप्त नमी है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञ किसानों को खेती की जुट जाने की सलाह दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:54 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 04:54 PM (IST)
सारण में खरीफ की खेती को पर्याप्त खाद-बीज उपलब्ध
सारण में खरीफ की खेती को पर्याप्त खाद-बीज उपलब्ध

जागरण संवाददाता, छपरा: धान की खेती का वक्त आ गया है। मौसम किसानों का साथ दे रहा है और बारिश ने खरीफ फसलों के लिए अनुकूल समय बना दिया है। धान की सीधी बोआई और रोपाई लायक खेतों में पर्याप्त नमी है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञ किसानों को खेती की जुट जाने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि संभावित बाढ़ से डरे-सहमें दियारे के किसान खेती को लेकर सशंकित हैं। चंवरों में भी खरीफ की खेती करने से किसान सहम रहे हैं। कृषि विभाग के अफसर व कर्मचारी लक्ष्य के अनुरूप जिले में खेती करवाने को मनोयोग से जुटे हैं। किसानों को खेती के लिए सब्सिडी पर खाद व बीज दिये जा रहे हैं। जिले में धान व मक्के के पर्याप्त बीज के साथ माकुल मात्रा में उर्वरक भी उपलब्ध हैं।

किसानों को 50 से 90 प्रतिशत अनुदान पर मिल रहा बीज

सारण के किसानों को राज्य सरकार 50 से 90 प्रतिशत तक अनुदान पर इस बार धान व अन्य खरीफ फसलों का बीज उपलब्ध करा रही है। इसबार जिले में धान की खेती का लक्ष्य 83 हजार हेक्टेयर का है। किसानों को 2,978.06 क्विटल अनुदानित बीज देने का लक्ष्य बनाया गया है। 2,280.26 क्विटल बीज जिले में उपलब्ध है। इस बीज के लिए जिले के किसानों से आनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं। आवेदन के आधार पर अबतक जिले के किसानों को 1,658.79 क्विटल बीज सब्सिडी पर कृषि विभाग उपलब्ध करा चुका है।

उर्वरक भी इसबार जिले में भरपूर मात्रा में उपलब्ध

खरीफ फसलों की खेती के लिए जिले में इसबार भरपुर मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सारण में 9,047.13 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। इसमें से अबतक 1,187.39 मीट्रिक टन यूरिया की ब्रिकी हुई है। इसी तरह डीएपी 1,559.55 मीट्रिक टन उपलब्ध है, जिसमें से 419.53 मीट्रिक टन की अबतक बिक्री हुई है। एनपीके 2,552.07 मीट्रिक टन उपलब्ध है और ब्रिक्री 430.35 मीट्रिक टन की हुई है। पोटाश जिले में 996.11 मीट्रिक टन उपलब्ध है और इसमें से 108.34 मीट्रिक टन की बिक्री हुई है। इसी तरह एसएसपी 30.35 मीट्रिक टन उपलब्ध है और इसकी अभी बिक्री नहीं हुई है।

मध्यम अवधि वाले धान की खेती के लिए अनुकूल समय

कृषि विज्ञानियों के अनुसार मध्यम अवधि वाले धान जया पीआर 106, एचकेआर 120, 127 व पूसा रोपाई का माकूल समय 15 जून से सात जुलाई तक है। वहीं कम अवधि में तैयार होने वाली धान के किस्मों आइआर 64, एचकेआर 46 व 47 तथा गोविद आदि किस्मों की रोपाई का सही वक्त जुलाई महीने के अंत तक है। जबकि सभी तरह के बासमती किस्मों जैसे तरावड़ी बासमती, बासमती 370, पूसा बासमती नंबर वन, पूसा 1121, सुगंध 5 व 6 पूसा 1509 व पेप्सी तथा सीएसआर 30 आदि की रोपाई का वक्त जुलाई महीने के पहले पखवारे तक का है। यह वक्त धान की सीधी बुआई, बीचड़े के लिए नर्सरी की तैयारी और रोपाई के लिए खेतों की जुताई का है।

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खरीफ की खेती के लिए जिले में पर्याप्त मात्रा में बीज व उर्वरक उपलब्ध है। किसान भाइयों को 50 से 90 प्रतिशत अनुदान पर धान, मक्का व अरहर के बीज दिए जा रहे हैं। उर्वरक भी सब्सिडी दी जा रही है। बीज के लिए होम डिलीवरी की भी व्यवस्था की गई है। डा. केके वर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी, छपरा -------------------- - जिले में इस बार 83 हजार हेक्टेयर में होनी है धान की खेती

- खेती के लिए सब्सिडी पर किसानों को दिये जा रहे खाद-बीज -------------

9047.13 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है सारण है

2978.06 क्विटल धान के बीज वितरण का है लक्ष्य

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