मढ़ौरा के 18 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को अपना भवन नहीं
ग्रामीण क्षेत्रों के पांच से दस हजार की आबादी पर बने उप स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिलती है। यहां के 18 उपकेंद्रों को तो अपना भवन भी नहीं है। लोगों को ग्रामीण डाक्टर का सहारा लेना पड़ता है।
संसू, मढ़ौरा (सारण): ग्रामीण क्षेत्रों के पांच से दस हजार की आबादी पर बने उप स्वास्थ्य केंद्र धीरे-धीरे अपने उद्देश्य से भटक गए। जिससे अब लोगों को हर छोटी-छोटी से समस्या के लिये प्रखंड स्तरीय अस्पतालों सहित ग्रामीण डाक्टरों का सहारा लेना पड़ता है।
मढ़ौरा प्रखंड के रेफरल अस्पताल के अलावा मुख्यालय से 10 से 15 किमी की दूरी पर ग्रामीण क्षेत्रों में कुल चार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ साथ 26 स्वास्थ्य उपकेंद्र है। इनमें चार अतिरिक्त प्राथमिक और आठ स्वास्थ्य उप केंद्रों का भवन निर्माण भी वर्षों पहले हो चुका है। अन्य 18 स्वास्थ्य उपकेंद्रों के भवन भी बनाये जाने हैं। इन सभी अतिरिक्त प्राथमिक और स्वास्थ्य उप केंद्रों का एक ही मकसद है ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करना। अफसोस अस्पताल प्रबंधन की वजह से यह सब व्यवस्था फिलहाल धरातल पर फेल है।
मढ़ौरा के इन सभी 26 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर एक-एक एएनएम की भी पदस्थापित है, जो प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को स्वास्थ्य उप केंद्रों पर सिर्फ टीकाकरण के लिये पहुंचती है। उसके बाद अस्पताल के कार्य और प्रत्येक बुधवार-शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण में इनकी ड्यूटी होती है, हालांकि कोरोना के समय मे कोविड वैक्सीनेशन में सबसे बड़ी भूमिका एएनएम ही निभा रही है।
मढौरा में मात्र दो स्वास्थ्य उप केंद्र बेहतर कार्य कर रहे है
आटा और अवारी के स्वास्थ्य उप केंद्रों पर ई संजीवनी के माध्यम से ओपीडी चलाया जाता है। इनमे इलाज के आने वाले मरीजों को आनलाइन चिकित्सकों से मरीजों को उचित परामर्श दिया जाता है। और उनके रोगों का रोकथाम किया जाता है। यदि सभी केंद्रों पर ऐसी व्यवस्था शुरू हो तो ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था भी सुधर सकती है।
बोले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
डा. आरएन तिवारी ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन में हर जगह पर एएनएम की ही ड्यूटी लग रही है, और सभी अस्पताल कर्मी वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। जैसे ही वैक्सीनेशन लक्ष्य पूरा होगा, सभी एएनएम स्वास्थ्य उपकेंद्रों का संचालन करेंगी।
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फोटो 15 सीपीआर 15
स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन चकाचक है, लेकिन एएनएम के नियमित नहीं आने के कारण यह भवन हमेशा बंद ही रहता है। जिस तरह ये स्वास्थ्य उप केंद्र सड़क किनारे है यही काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन आफसोस यहां डेटाल तक की सुविधा नहीं है।
बिभूति कुमार सिंह, ग्रामीण ------------
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अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों के नियमित आने से ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो सकता है। इतनी महामारी के बाद भी चिकित्सकों का नियमित नहीं आना कहीं न कहीं विभाग की लापरवाही को दर्शाता है।
संतोष राय, सरपंच सलिमापुर --------------------
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बदहाल व्यवस्था
- स्वास्थ्य उपकेंद्रों के नियमित संचालन से सुधरेगी ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था