खुद की सुरक्षा के साथ मरीजों की सेवा में जुटे यशवंत
कोरोना से जंग में फ्रंटलाइन वर्कर की भूमिका अदा कर रहे एंबुलेंस चालक यशवंत कुमार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनके हौंसले की वजह से हर कोरोना संक्रमित अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है। कोरोना ग्रस्त होने का खतरा इनको भी बना रहता है। फिर भी जज्बे के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
समस्तीपुर । कोरोना से जंग में फ्रंटलाइन वर्कर की भूमिका अदा कर रहे एंबुलेंस चालक यशवंत कुमार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनके हौंसले की वजह से हर कोरोना संक्रमित अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है। कोरोना ग्रस्त होने का खतरा इनको भी बना रहता है। फिर भी जज्बे के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। ऐसे में एंबुलेंस चालक ने अपनी दिनचर्या को ही बदल लिया है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जहां वे मास्क, ग्लव्स व सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं, वहीं इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अब विटामिन युक्त खाना भी खा रहे हैं। एंबुलेंस चालक के अनुसार संक्रमण से बचाव को लेकर हरसंभव ध्यान दे रहे हैं। घर में प्रवेश भी नहाने के बाद ही कर रहे हैं तथा हर रोज के कपड़े भी उसी दिन साफ होते हैं। हर वक्त रहना पड़ता है तैयार
उन्हें हर वक्त तैयार रहना पड़ता है। कंट्रोल रूम से कभी भी कॉल आ जाती है और उन्हें मौके पर पहुंचना होता है। पूरी सावधानी बरतनी पड़ती है। घर में कपड़े भी खुद ही धोते हैं और गर्म पानी में डेटॉल डालकर नहाने के बाद ही ड्यूटी जाते हैं। कोरोना मरीज की सेवा देश सेवा मानकर करते हैं। ड्यूटी से नहीं घबराते
ड्यूटी करने में कभी कोताही नहीं बरतते। कोरोना काल में तो बिल्कुल भी नहीं। जब देश पर विपदा पड़ी है, तो सबको जूझना पड़ेगा। कोरोना संक्रमित हो या आशंकित, उन्हें अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाने की ड्यूटी रहती है। उनके साथ ही उन्हें भी बैठना पड़ता है, इसलिए खुद की सुरक्षा भी करनी होती है। मगर दर्द इतना सा है कि जान की परवाह किए बिना कोरोना से जब हम लड़ रहे हैं तो हमारे वेतन से लेकर नौकरी स्थाई करने के बारे सरकार सोचें।