महज चार घंटे खरीद-बिक्री का समय निर्धारित होने से सब्जी उत्पादक परेशान

राज्य सरकार द्वारा सूबे में लगाए गए लॉकडाउन से फल एवं सब्जी उत्पादक किसानों की कमर तोड़ रखा है। महज चार घंटे के लिए फल एवं सब्जियों की बिक्री करने के आदेश के कारण किसानों को इससे ज्यादा परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 01:13 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 01:13 AM (IST)
महज चार घंटे खरीद-बिक्री का समय निर्धारित होने से सब्जी उत्पादक परेशान
महज चार घंटे खरीद-बिक्री का समय निर्धारित होने से सब्जी उत्पादक परेशान

समस्तीपुर । राज्य सरकार द्वारा सूबे में लगाए गए लॉकडाउन से फल एवं सब्जी उत्पादक किसानों की कमर तोड़ रखा है। महज चार घंटे के लिए फल एवं सब्जियों की बिक्री करने के आदेश के कारण किसानों को इससे ज्यादा परेशानी हो रही है। इसका खामियाजा सिर्फ सब्जी उत्पादक किसान ही नहीं बल्कि गद्दीदार, व्यापारी एवं आम उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ रहा है। खेत से सब्जी तोड़कर मंडी पहुंचते-पहुंचते 11 बज जाते हैं। इसके कारण किसान औने- पौने दाम में बेचने को मजबूर होते हैं या कल के लिए छोड़ देना पड़ता है। व्यापारी के साथ भी समस्या है कि आज खरीद की गई सब्जी कल होकर बेचना पड़ता है। जिससे कई सब्जियों के खराब होने पर उन्हें फेंकना पड़ता है। आम उपभोक्ताओं को ताजा सब्जी नहीं मिल पाती एवं ऊंची कीमत भी चुकानी पड़ती है। जबकि गत साल के लॉकडाउन में सुबह 7 से 11 एवं शाम को 3 से 6 बजे तक दुकान खोलने की छूट दी गई थी। इससे किसानों को सुविधा होती थी। किसान ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने ताजपुर के मोतीपुर सब्जी मंडी में बुधवार को भ्रमण कर विभिन्न सब्जियों के थौक दाम की जानकारी देते हुए बताया कि प्रति किलो टमाटर 4 रुपये, भिडी 4, बोरी-बरबट्टी 5, मुली. 6 से 8, गोभी 14-16, करैला 14-15, परवल.16- 18, बैंगन.12.14, खीरा लोकल-5, नेनुआ- 10, कद्दू-.3-4 प्रति पीस आदि रहा जो मौसम के अनुसार बहुत ही कम कीमत है।

श्री सिंह ने बताया कि अक्सर किसान 1500 से 2000 रुपए प्रति कट्ठा जमीन ठेका पर लेकर केसीसी, महाजनी कर्ज आदि से खेती करते हैं। लेकिन अभी शुरुआत में ही उचित कीमत नहीं मिलने से किसान मायुस हो गये हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि पिछले साल की तरह इस साल भी सुबह और शाम दोनों समय दुकान लगाने के लिए गाइडलाइन में छूट दिया जाए।

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