बीआरबी कालेज के बैंक खाता से दो वर्ष पूर्व फर्जी तरीकसे निकाली 27 लाख बैंक ने किया वापस

समस्तीपुर। बलिराम भगत महाविद्यालय का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के खाता से अवैध निकासी की गई 27 लाख रुपये वापस कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:52 PM (IST)
बीआरबी कालेज के बैंक खाता से दो वर्ष पूर्व फर्जी तरीकसे निकाली 27 लाख बैंक ने किया वापस
बीआरबी कालेज के बैंक खाता से दो वर्ष पूर्व फर्जी तरीकसे निकाली 27 लाख बैंक ने किया वापस

समस्तीपुर। बलिराम भगत महाविद्यालय का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के खाता से अवैध निकासी की गई 27 लाख रुपये वापस कर दी गई है। इससे महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. बीरेंद्र कुमार चौधरी सहित प्राध्यापकों ने खुशी का इजहार किया। प्रधानाचार्य ने बताया कि दो वर्ष पूर्व महाविद्यालय की बैंक खाता से जाली चेक से अवैध रूप से राशि की निकासी कर ली गई थी। तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ. एलपी जायसवाल ने मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसके उपरांत पुलिसिया कार्रवाई धीमी गति से चलने की वजह से मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। इसके बाद वर्तमान प्रधानाचार्य डॉ. बीरेंद्र कुमार चौधरी ने अथक प्रयास कर राशि वापस ली। उन्होंने कुलपति और कुल सचिव से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराया। साथ ही बैंक के वरीय अधिकारियों से भी संपर्क किया। बैंक ने प्रधानाचार्य से क्षतिपूर्ति बांड पर हस्ताक्षर कराने के बाद मंगलवार को कॉलेज के खाता में उक्त राशि हस्तांतरित कर दी। मौके पर प्रो. रोहित प्रकाश, विकास कुमार पटेल, शकील अहमद, डॉ. बिध्यांचल, देवेंद्र चौधरी, डीएन यादव, जितेंद्र मोहन, राजेश रंजन, राम प्रकाश प्रसाद, सुरेश सिंह, मो. तैयब, राम भरोष शर्मा आदि उपस्थित रहे। कालेज परिसर से बैंक शाखा को अन्यत्र शिफ्ट करने की दी चेतावनी

प्रधानाचार्य ने बैंक के शाखा प्रबंधक को महाविद्यालय के खाता से धोखाधड़ी से निकाली गई राशि को बिना शर्त वापस करने की मांग की थी। अन्यथा राशि वापस नहीं करने पर कॉलेज कैंपस से शाखा को अन्यत्र शिफ्ट कर महाविद्यालय का मकान खाली करने को कहा था। इसमें स्पष्ट किया था कि जब जाली चेक से अवैध निकासी हो जाती है तो बैंक का सर्वप्रथम धर्म उक्त राशि को तत्काल संबंधित खाते में वापस कर देने का होता है कितु महाविद्यालय द्वारा राशि वापस करने हेतु विभिन्न पत्रों के माध्यम से अनुरोध किया गया था। इसके बाद भी राशि वापस करने में टाल मटोल की जाती रही। इसको लेकर राशि वापस करने या मकान खाली करने की चेतावनी दी गई थी। जिसके बाद राशि वापस की गई है। दो जाली चेक से हुई थी अवैध निकासी

कॉलेज की जाली चेक बनाकर उससे अवैध रूप से राशि की निकासी कर ली गई थी। इसमें दिनांक 16 मार्च 2019 को 9 लाख 20 हजार 700 रुपये और 19 मार्च 2019 को 17 लाख 80 हजार 200 रुपये की निकासी कर ली गई थी। इससे कुल 27 लाख 900 रुपये की निकासी हुई। अवैध निकासी जाली चेक से मनोज कुमार आर भंसाली नामक व्यक्ति द्वारा की गई। पूर्व प्रधानाध्यापिका व जालसाज के खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी

तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ. एलपी जायसवाल ने अवैध रूप से जाली चेक से राशि निकासी मामले में मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. मीना प्रसाद एवं मनोज कुमार आर भंसाली को अभियुक्त बनाया गया था। दोनों जाली चेक मनोज ने मुजफ्फरपुर स्थित फेडरल बैंक में जमा की। इसके बाद उक्त बैंक से दोनों जाली चेक का क्लियरिग कर दिया गया। इसमें स्पष्ट किया गया था कि फर्जी चेक के क्लीयरिग के दौरान अधिकारियों द्वारा महाविद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य से न तो उनके मोबाइल पर फोन कर कोई संपुष्टि ली गई और महाविद्यालय कैंपस में बैंक रहते हुए भी न ही महाविद्यालय कार्यालय से उक्त दोनों फर्जी चेकों के बारे में कोई संपुष्टि ली गई। अवैध रूप से राशि जालसाज के महाराष्ट्र स्थित बैंक खाता में ट्रांसफर कर दी गई।

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