तनाव के स्तर में वृद्धि से जुड़े माइक्रोआरएनए के दो अणु सिड्रोम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई. कान्फ्रेंस का मंगलवार को समापन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:48 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:48 PM (IST)
तनाव के स्तर में वृद्धि से जुड़े माइक्रोआरएनए के दो अणु सिड्रोम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते
तनाव के स्तर में वृद्धि से जुड़े माइक्रोआरएनए के दो अणु सिड्रोम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई. कान्फ्रेंस का मंगलवार को समापन हुआ। रिसेंट एडवांसेज इन लाइफ साइंसेज विथ रेफरेंस टू डिजीजेस, डिसऑर्डर्स एंड एडेप्टेशंस विषय पर आनलाइन मोड में सभी तकनीकी सत्रों की श्रृंखला में फिजियोलॉजिकल डिसोर्डर्स पर केंद्रित पहले तकनीकी सत्र में यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स एवं यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर (अमेरिका) के क्रमश: प्रो एम नूर आलम, डा. पारस कुमार मिश्र द्वारा आमंत्रित आलेख प्रस्तुत किए गए। प्रो. आलम ने नींद की जटिलता एवं समस्याओं पर प्रकाश डाला। वहीं डा. पारस कुमार मिश्र ने बताया कि ब्रोकन हार्ट सिड्रोम जो इंसान को अंदर से तोड़ देती है, कि तनाव के स्तर में वृद्धि से जुड़े माइक्रोआरएनए के दो अणु इस सिड्रोम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इंपीरियल कॉलेज लंदन के विशेषज्ञों ने पाया कि माइक्रोआरएनए-16 और 26 ए अणु के बढ़े हुए स्तर ब्रोकन हार्ट सिड्रोम की संभावना को बढ़ाते हैं। यह दोनों ही छोटे अणु नियंत्रित करते हैं कि जीन को कैसे डिकोड किया जाता है।

बायोलॉजिकल एडेप्टेशन्स पर केंद्रित दूसरे तकनीकी सत्र में एनआइएच बेथेस्डा एवं कॉर्नेल विश्वविद्यालय, इथाका(अमेरिका) के डा. आकांक्षा सिंह एवं डा. स्निग्धा मिश्रा ने फल और मक्खी ड्रोसोफिला और मानव प्रजनन संबंधी अनुकूलन व्यवहार की विस्तारपूर्वक व्याख्या की। हेवी मेटल टॉक्सीसिटी पर आधारित तीसरे तकनीकी सत्र में वर्धवान विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. आशीष कुमार पाणिग्रही ने मछली तथा मनुष्य पर हेवी मेटल के दुष्प्रभावों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया। कान्फ्रेंस में कुल 28 शोध सारांश की प्रस्तुति की गई। विभागाध्यक्ष प्रो. बीएस झा की अध्यक्षता में आयोजित समापन सत्र में पूर्व विभागाध्यक्ष डा. डीएन मिश्रा ने समापन अभिभाषण और संगठन सचिव डा. पारुल बनर्जी ने समापन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

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