भारत मां की रक्षा करने, चल सीमा की ओर

समस्तीपुर। भारत मां की रक्षा करने सब कुछ देंगे छोड़ खौल उठा है खून रगों में चल सीमा की ओर ..। कवि विजय व्रत कंठ द्वारा प्रस्तुत उक्त पंक्तियां साहित्य प्रेमियों के अन्दर राष्ट्रभक्ति की एक नई मशाल जला दी। मौका था राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा आयोजित ऑनलाइन काव्यांजलि का।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:11 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:11 PM (IST)
भारत मां की रक्षा करने, चल सीमा की ओर
भारत मां की रक्षा करने, चल सीमा की ओर

समस्तीपुर। भारत मां की रक्षा करने सब कुछ देंगे छोड़, खौल उठा है खून रगों में चल सीमा की ओर ..। कवि विजय व्रत कंठ द्वारा प्रस्तुत उक्त पंक्तियां साहित्य प्रेमियों के अन्दर राष्ट्रभक्ति की एक नई मशाल जला दी। मौका था राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा आयोजित ऑनलाइन काव्यांजलि का। श्रावण मास की प्रथम सोमवारी एवं कारगिल दिवस के अवसर पर आयोजित श्रावणी काव्यांजलि में क्षेत्र के कई नामचीन कवियों ने अपनी- अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रभाकर राय ने आगामी अंतरराष्ट्रीय राम वनगमन पथ काव्य उत्सव के आयोजन पर विस्तार से चर्चा की। संचालन कर रहे कवि सत्संग भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत जय जय भैरवी असुर भयाओनि. से विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जिसमें शामिल हुए दर्जनों कवियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। अर्चना चौधरी ने हे महादेव, हे बैरागी, शीर्षक से कविता प्रस्तुत कर वातावरण को शिवमय कर दिया। वहीं, सुमन कुमार मिश्र की हम देश के रखवाले. और सुधीर सिंह द्वारा आज उनसे मुलाकात हो गई. प्रस्तुति को भी लोगों ने सराहा। युवा कवि अमित मिश्र ने अपने देश को देते हैं अपनी जान मेरे फौजी भैया. का गायन कर शहीदों को नमन किया। डॉ प्रेमचंद मिश्र ने कारगिल की चोटी पर हुई खून की होली कविता का सस्वर पाठ किया। इसके अलावा मृणाल, आशुतोष, जगमोहन चौधरी, दिवाकर दिव्यांग आदि ने भी अपनी अपनी प्रस्तुति दी। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय कवि संगम समस्तीपुर के जिला उपाध्यक्ष अमित मिश्रा ने किया। मौके पर संगठन के अध्यक्ष विजय व्रत कंठ को उनके जन्मदिन पर सामूहिक रूप से लोगों ने बधाई दी।

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