वैक्सीन के लिए तत्काल टिकट जैसे हालात, घंटों प्रयास के बाद मिलती निराशा

कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन को बड़ा हथियार माना जा रहा है। जिले में 18 से 44 साल के व्यक्तियों को भी टीका लगना शुरू हो गया है लेकिन वैक्सीन का स्टॉक सीमित होने की वजह से टीकाकरण केंद्रों की संख्या कम है। इनमें उपलब्ध स्लॉट भी कुछ मिनट में ही फुल हो जा रहे हैं। इन हालात में वैक्सीन का स्लॉट बुक करने के लिए लोग घंटों तक लैपटॉप और मोबाइल में आंखें गड़ाने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:32 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:32 AM (IST)
वैक्सीन के लिए तत्काल टिकट जैसे हालात, घंटों प्रयास के बाद मिलती निराशा
वैक्सीन के लिए तत्काल टिकट जैसे हालात, घंटों प्रयास के बाद मिलती निराशा

समस्तीपुर । कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन को बड़ा हथियार माना जा रहा है। जिले में 18 से 44 साल के व्यक्तियों को भी टीका लगना शुरू हो गया है, लेकिन वैक्सीन का स्टॉक सीमित होने की वजह से टीकाकरण केंद्रों की संख्या कम है। इनमें उपलब्ध स्लॉट भी कुछ मिनट में ही फुल हो जा रहे हैं। इन हालात में वैक्सीन का स्लॉट बुक करने के लिए लोग घंटों तक लैपटॉप और मोबाइल में आंखें गड़ाने को मजबूर हैं। जिले में 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण के लिए सभी प्रखंडों में केंद्र बनाए गए हैं। इनमें भी रोजाना 4400 व्यक्तियों के टीकाकरण की ही व्यवस्था है। इन केंद्रों की सूची एक दिन पहले कोविन पोर्टल पर डाली जा रही है। इसी के साथ लाभार्थियों को स्लॉट बुक करने का विकल्प दिया जाता है। अब लाभार्थियों के सामने परेशानी यह आ रही है कि उक्त सुविधा दिन में कब शुरू होगी, इसके लिए कोई समय तय नहीं है। विभाग का जब मन हो रहा है, सूची डाल दे रहा है। ऐसे में वैक्सीन स्लॉट बुक करने के लिए लोग दिन में कई घंटे लैपटॉप और मोबाइल पर टकटकी लगाए रहते हैं। हालांकि, इस इंतजार का भी उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा। ऑन द स्पाट रजिस्ट्रेशन की सरकार करे व्यवस्था

कोरोना महामारी को लेकर एक तरफ जहां पूरे विश्व में आपदा आ गई है। वहीं सरकार इस आपदा में भी गरीबों के साथ धोखा कर रही है। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सभी का वैक्सीनेशन कराने की बात कही जा रही है। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में सभी लोगों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है। आरटीआइ एक्टिविस्ट सह सामाजिक कार्यकर्ता विद्याकर झा ने सरकारी व्यवस्था के तहत 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ है। इसके लिए खुद से रजिस्ट्रेशन करने की बाध्यता रखी गई है। शिक्षित लोग तो खुद से रजिस्ट्रेशन करा रहे है। लेकिन ऑन द स्पाट रजिस्ट्रेशन बंद करने से काफी संख्या में लोगों को परेशानी हो रही है। यह प्रक्रिया गरीब व अशिक्षित लोगों के लिए मजाक बन कर रह गया है। डिजिटल साक्षरता दर कम रहने से हो रही परेशानी

उज्जवल कुमार ने बताया कि सर्वविदित है कि राज्य के ग्रामीण एवं अनपढ़ लोगों के बीच डिजिटल साक्षरता दर बहुत कम है। सरकार को चाहिए कि ग्रामीण स्तर पर गांव में कैंप लगाकर कर टीकाकरण का कार्य किया जाए। यह प्रक्रिया हमारे संविधान में लिखे गए समानता के अधिकार के खिलाफ है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर जरूरी कदम उठाने की मांग की है।

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