यादगार रहा पूर्व कुलपति डॉ. मेवालाल चौधरी का कार्यकाल
समस्तीपुर। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति
समस्तीपुर। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. मेवालाल चौधरी के आकस्मिक निधन पर विवि में भी शोक की लहर छा गई। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुलपति के नेतृत्व में शोक सभा का भी आयोजन किया गया। उनके निधन पर शोक जताते हुए कुलपति डा. आरसी श्रीवास्तव ने कृषि अनुसंधान की दृष्टि में एक अपूरणीय क्षति करार दिया है। बताया कि डॉ. मेवालाल चौधरी ने 20 नवंबर 2008 को राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर अपना पदभार ग्रहण किया था जो 8 नवंबर 2011 तक अपने पद पर बने रहे। इसके बाद उच्च न्यायालय के आदेश से सबौर कृषि महाविद्यालय के कुलपति बनाए गए। उन्होंने दोनों विश्वविद्यालय का कार्यभार भी एक साथ लगभग कई महीनों तक देखा। उनकी सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत लगभग 40 करोड़ रुपए की लागत से बिहार में संरक्षित खेती के लिए हाईटेक हॉर्टिकल्चर केंचुआ उत्पादन का विस्तार रहा। बिहार में बीज की किल्लत को देखते हुए उन्होंने किसान की सहभागिता से बीज उत्पादन करने की दिशा में भी योगदान दिया जिससे काफी हद तक बीज की समस्या दूर हुई। साथ साथ उच्च तापमान में गेहूं की नई प्रभेद विकसित की गई। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र मुंगेर सहित आसपास के क्षेत्रों में प्रशिक्षण आयोजित कर नक्सलियों को भी ईमानदारी से कार्य करने की सलाह देते हुए रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया था। पांच जिलों में उन्होंने हनी बी पार्क सहित 2009 में दीक्षा समारोह भी बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया था। आज विश्वविद्यालय परिसर सहित पूरे क्षेत्र में उनके कार्यों की प्रशंसा की जा रही है। उनकी ईमानदारी एवं काबिलियत को देखते हुए कुछ दिनों तक दो-दो विश्वविद्यालय के कुलपति बनने का सौभाग्य भी उन्हें प्राप्त रहा। इधर, उनके निधन पर शोक जताते हुए जदयू के प्रदेश महासचिव डा. दुर्गेश राय ने कहा कि उनकी कमी हमेशा जदयू परिवार को खलती रहेगी। इसकी भारपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है। पूर्व विधायक दुर्गा सिंह एवं भाजपा नेता जवाहर सिंह ने भी इनके निधन पर संवेदना जतायी है।