एक बार फिर उभरा सिघिया का दर्द, उजड़ गए कई परिवार
22 अगस्त गुरुवार का दिन। गाजियाबाद से खबर आई कि सिघिया थाने की महरा पंचायत के पैंसल्लाह व नीरपुर भररिया पंचायत के रमपुरा गांव के पांच लोगों की एक साथ मौत हो गई। सूचना मिलते ही गांव में चीख-पुकार और चीत्कार।
समस्तीपुर । 22 अगस्त, गुरुवार का दिन। गाजियाबाद से खबर आई कि सिघिया थाने की महरा पंचायत के पैंसल्लाह व नीरपुर भररिया पंचायत के रमपुरा गांव के पांच लोगों की एक साथ मौत हो गई। सूचना मिलते ही गांव में चीख-पुकार और चीत्कार। सभी गाजियाबाद में सीवरेज सफाई में जुटे थे। वहां जहरीली गैस से दम घुटने के कारण एक के बाद एक कर पांच मजदूरों की मौत हो गई। इसका दर्द आज भी लोगों के जेहन में है। जिन परिवारों ने अपने लाल को खोया, उसकी कमी को भर नहीं पाए। रविवार को दिल्ली में अग्निकांड में सिघिया के 13 युवकों की मौत ने इनके जख्म को एकबार फिर उभार दिया है।
------------------
बेरोजगारी से आजिज हो रोजगार की तलाश में गए थे गाजियाबाद
गांववाले बताते हैं कि सिघिया प्रखंड में बाढ़ के पानी के दौरान उपजी बेरोजगारी की स्थिति में रामपुरा गांव के विजय राय, विभूतिपुर के शिवकुमार व पैंसल्लाह के दामोदर सदा, संदीप सदा तथा होरिल सदा गाजियाबाद गए थे। वहां विजय पहले से काम करता था। सभी को सिहानी थाना क्षेत्र के कृष्णा नगर मोहल्ले में लैंडमाइंस सीवर में कार्य करने का मौका मिला था। अभी तो उस महीने की मजदूरी भी नहीं मिली थी। घरवाले पैसे के इंतजार में ही थे कि पैसा आएगा। लेकिन, आई मौत की सूचना। सभी की मौत की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया। स्थानीय प्रशासन समेत जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा होने लगा। महिलाओं के चीत्कार व बच्चों के हृदय विदारक क्रंदन से बाहर के लोग भी बरबस रोने को मजबूर थे। दामोदर की पत्नी मंजू देवी एवं उनके चारों पुत्री का क्रंदन सबको मर्माहत कर रहा था। जबकि, संदीप की पत्नी बेहोश थी। होरिल सदा की पत्नी शोभा देवी अपने चार बच्चों की परवरिश की चिता को लेकर रो-रो कर बेहोश हो जाती थी। रामपुरा के शिवकुमार मूल रूप से विभूतिपुर थाना क्षेत्र के बेलसंडी गांव का था जो अपने जीजा रामपुरा गांव के विजय राय के साथ मजदूरी करने गया था।