पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों पर अध्ययन की जरूरत

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अधीनस्थ ईख अनुसंधान केंद्र में एक दिवसीय नवीनतम तकनीक विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Dec 2019 11:41 PM (IST) Updated:Fri, 27 Dec 2019 11:41 PM (IST)
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों पर अध्ययन की जरूरत
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों पर अध्ययन की जरूरत

समस्तीपुर। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अधीनस्थ ईख अनुसंधान केंद्र में एक दिवसीय नवीनतम तकनीक विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। मौके पर उपस्थित कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने कहा कि बदलते मौसम को देखते हुए हमें कृषि में चुनौती को तलाशने की आवश्यकता हैं ताकि उस चुनौती का जवाब हम दे सकें। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान से भी हमें सीखने की आवश्यकता हैं। वहां हो रहे ईख की खेती किसानों के लिए कैसे लाभदायक है, हमें उस तकनीक पर भी अध्ययन करने की आवश्यकता है। कुलपति ने कहा कि हमें ऐसे प्रभेद विकसित करने की जरूरत है जिसमें कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कम से कम हो सके एवं उत्पादकता अधिक हो। उन्होंने कहा कि ईख की खेती में भी हमें सिचाई की लागत कम करने को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सिचाई तकनीकी को अपनाना होगा। कृषि में यांत्रिकीकरण का महत्व मजदूर के अभाव में ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए हमें कृषि यंत्रीकरण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता हैं। मौके पर डॉ. एके सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में गन्ना के शामिल होने से काफी बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। इस दिशा में कई विकास के काम भी किए जा रहे हैं। मौके पर विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. अमरीश कुमार, डॉ. सोमनाथ राय चौधरी सहित विश्वविद्यालय के कई डीन, डायरेक्टर, वैज्ञानिक एवं किसान मौजूद थे।

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