असुविधाओं के आगे ठप है विकास की रफ्तार, सरकारी योजनाओं का बंटाधार

मैं हूं 29 गांव वाली विभूतिपुर प्रखंड की खास टभका उत्तर पंचायत। मेरी गोद में कई जाति के लोग बसते हैं। जिसमें अमीर और गरीब मजदूर भी बखूबी शामिल हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 01:33 AM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 01:52 AM (IST)
असुविधाओं के आगे ठप है विकास की रफ्तार, सरकारी योजनाओं का बंटाधार
असुविधाओं के आगे ठप है विकास की रफ्तार, सरकारी योजनाओं का बंटाधार

समस्तीपुर । मैं हूं 29 गांव वाली विभूतिपुर प्रखंड की खास टभका उत्तर पंचायत। मेरी गोद में कई जाति के लोग बसते हैं। जिसमें अमीर और गरीब मजदूर भी बखूबी शामिल हैं। मैं अपना दुखड़ा कहने से इसलिए परहेज कर रही हूं, क्योंकि यहां की भोली-भाली जनता ने विकास की उम्मीद पालकर प्रत्येक पंचायत चुनाव में अपना मुखिया बदला है, लेकिन, पंचायत की किस्मत नहीं चमकी। आधुनिकता के इस दौर में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रही हूं। यहां के गांवों में अंगुली पर गिन लिए जाने वाले विकास के कार्यो के नाम पर पुराने, नए सभी जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी पीठ थपथपाते हैं। लेकिन, सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। पंचायत में सरकारी योजनाओं का बंटाधार है। बेरोजगार नौजवानों की लंबी कतार है। 1747 जॉब कार्ड धारकों को रोजगार नहीं मिलना अफसोस की बात है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत नल-जल योजना के बावजूद शुद्ध पेयजल संकट आज भी बरकरार है। इतना हीं नहीं, यहां वार्ड 10 में एक टोला है, जिसमें लगभग चार सौ परिवार बसते हैं। 'खोरिया पर' के नाम से जाना जाता है। दास कहलाने वाले लोगों की बहुलता है। मूलभूत सुविधाओं का अभाव सहसा दिख जाता है। वर्षो पूर्व गांव में दो बार आग लगी। घर जले। आर्थिक क्षति पहुंची, लेकिन, पीड़ित परिवार को सरकारी आशियाने का इंतजार अब भी है। यह गांव आजादी के बाद से आज तक हाईटेक होने को लालायित है। दैनिक जागरण की टीम जब यहां पहुंची तो लोगों ने चौपाल कार्यक्रम में समस्याओं को बेबाकी से रखा। स्थानीय सनोज दास, रंजीत दास, बलराम दास, नरेश दास, सुशील दास, रामसुदीन दास, गोपीचंद दास, हरिशंकर दास, रामानंद दास, भिट्ठू दास, शंकर दास, कोकाय दास, सोनेलाल दास, राम विलास दास, मंजू महतो, सुदामा देवी, राजो देवी, कमली देवी समेत दर्जनों लोगों ने उन्मुक्त कंठ से कहा कि प्रशासन की कुर्सियों पर बैठे हर अधिकारी के कार्यालय और जनप्रतिनिधियों का दरवाजा खटखटाया। लेकिन, यहां की समस्याओं का समाधान नहीं निकल सका। इस दर्द में एक क्षण के लिए ही सही, किन्तु, गांव की बदहाली देखकर शायद विकास की रफ्तार भी झेंप जाती होगी।

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कहते हैं ग्रामीण : मनरेगा में मजदूर से काम करवाने के बाद दूसरे मजदूर के बैंक खाते में रुपये भेज दिए जाते हैं। यह राशि बाद में कतिपय लोगों द्वारा वसूली कर ली जाती है। इसको लेकर मजदूरों ने मनरेगा कार्यालय पर धरना देकर पीओ को स्मारपत्र भी सौंपा। लेकिन, कार्रवाई शून्य है।

-रंधीर कुमार राय, ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को विजनरी होना जरूरी है। ताकि, पंचायत का विकास आधुनिक तरीके से हो सके। पंचायत को अभी तक ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं मिला, जो केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन कर सके। पेयजल संकट और सिचाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

-अमन परासर, ग्रामीण

पंचायत में एक +2 विद्यालय होना चाहिए और अध्ययनरत छात्रों को नियमित कक्षा संचालित कर पठन-पाठन की सुविधाएं मुहैया होनी चाहिए 7

-विशाल कुमार राय, ग्रामीण

गांव में पहले नैतिकता के आधार पर सारे काम और संबंध होते थे। आज हम उसे खो रहे हैं। विकासात्मक कार्यो के बदले स्थानीय जनप्रतिनिधि हवाबाजी में विश्वास रखने लगे हैं। जनता की समस्याओं से उनका कोई लेना-देना नहीं रह गया है।

- रामबालक राय, ग्रामीण

सहनी टोला से प्राथमिक विद्यालय बरियारपुर जाने का सहारा अरविंद सहनी के घर के निकट वार्ड 6 में बना एक पुलिया वर्षो पूर्व से नवनिर्माण करवाने के लिए मुंह बाए निर्माता का रास्ता देख रही है। नौनिहालों को विद्यालय तक पहुंचने में परेशानी होती है।

- अनिल सहनी, ग्रामीण

पंचायत के अधिकांश वार्ड में नल-जल योजना का कार्य आधा अधूरा पडा है। राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को धत्ता बताकर राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है। इस पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

- संतोष कुमार ठाकुर, ग्रामीण

अब तक पंचायत सरकार भवन नसीब नहीं हुआ है। पंचायत स्तर के पदाधिकारियों व कर्मचारियों से मुलाकात दुर्लभ हो रहा है। खासकर गरीब-गुरबों को परेशानी उस वक्त होती है, जब उन्हें मामूली कार्य को लेकर भटकना पड़ता है। पंचायत सरकार भवन के लिए विकल्प तलाशने की आवश्यकता है।

-छोटू यादव, ग्रामीण

पेंशन, शौचालय, कबीर अंत्येष्टि आदि सरकारी योजनाओं का खस्ताहाल है। इसका लाभ साधारण लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इस पर अमल होना चाहिए।

-रेखा देवी, ग्रामीण

------------------------- विकास में विश्वास रखने वाली महिला हूं। पदाधिकारियों और विभाग के संपर्क में रहकर लंबित कार्यो का निष्पादन जल्द कर लिया जाएगा। पंचायत का चहुंमुखी विकास हो रहा है।

-मंजू देवी, मुखिया ग्राम पंचायत पर एक नजर : 1. पंचायत में मतदाता : 7000

2. वार्ड की कुल संख्या : 12

3.जविप्र की दुकानें : 5

4. प्राथमिक विद्यालय : 4

5. मध्य विद्यालय : 3

6. उच्च विद्यालय : 1

7. आंगनवाड़ी केंद्र : 10

8. सामुदायिक भवन : 1

9. विकलांग भवन : 1

10. मनरेगा भवन : 1 (निर्माणाधीन)

11. पंचायत सरकार भवन : 0

12. स्वास्थ्य उपकेन्द्र : 1

13. निबंधित मनरेगा मजदूर : 1747

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