दिनमनपुर उत्तरी पंचायत में कुछ हुआ, बहुत कुछ होना बाकी

खानपुर प्रखंड के दिमनपुर उत्तरी पंचायत की समस्याएं भी अंतहीन है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jun 2018 04:36 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jun 2018 04:36 PM (IST)
दिनमनपुर उत्तरी पंचायत में कुछ हुआ, बहुत कुछ होना बाकी
दिनमनपुर उत्तरी पंचायत में कुछ हुआ, बहुत कुछ होना बाकी

समस्तीपुर । खानपुर प्रखंड के दिमनपुर उत्तरी पंचायत की समस्याएं भी अंतहीन है। किसी को बिजली की समस्या है तो किसी को पानी की। कोई अतिक्रमण से कराह रहा है तो कोई वृद्धावस्था पेंशन के लिए। लाभार्थी पंचायत से प्रखंड तक का दरवाजा खटखटा रहे हैं। लेकिन, समस्याएं आज भी मुंह बाएं खड़ी है। मुलाजिमों की उदासीनता के कारण ये योजनाएं अपनी गति को प्राप्त नहीं कर रही है। कब इसका लाभ मिलेगा कहना मुश्किल है। समस्याओं की पड़ताल के लिए जब जागरण टीम दिमनपुर पंचायत के बावनघाट सहित अन्य गांव में पहुंच कर लोगो से संपर्क कर जानने का प्रयास किया तो उनकी लाचारी सामने आई। मौके पर मौजूद रामाशीष यादव, बैद्यनाथ महतो, बालेश्वर राय, अखिलेश राय, गौरी शंकर राय, केवल राय, राम सागर राय, राजेश्वर राय, म¨हद्र राय, राम सेवक राय, राम भज्जन राय, काली देवी, महोखीय देवी, उपेंद्र राय, आदि दर्जनों ग्राम वासियो ने वृद्धावस्था पेंशन, बिजली, सड़क, आवास, प्रोत्साहन राशि, शिक्षा, पेयजल, बाल विकास परियोजना बाल विकाश परियोजना से संबंधित अपनी समस्याओं को सामने उकेरा। दिनमनपुर उतरी पंचायत के वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थियों को विगत दो वर्षों से लाभ नही मिल रहा है। प्रखंड कार्यालय में बिचौलिया तंत्र हावी है। करीब 1000 परिवार झुग्गी झोपड़ी में गुजर बसर कर रहे है। वही बीपीएल त्रुटि के कारण लोग गरीब लोग आनाज केरोसिन तेल, पेंशन, आवास से वंचित हो रहे है, वहीं अमीर लोग भी गरीबी उन्मूलन योजना का लाभ धड़ल्ले से उठा रहे है। ग्रामीण बैद्यनाथ महतो कहते हैं कि सरकार तो बुजुर्गो की सहायता के लिए इस पेंशन योजना करे चालू किया लेकिन यह योजना का लाभ समय पर लाभार्थियों को को नही मिल पा रहा है। पंचायत में करीब 700 वृद्ध लोग इस राशि से वंचित हैं। वही वार्ड 6,8,3,4,5,में विद्युत कनेक्शन तो दूर खंभा भी अभी तक नहीं लगाया गया है। ग्रामीण बालेश्वर राय कहते हैं कि पंचायत में संचालित सभी विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था चौपट है। शिक्षक समय पर विद्यालय नहीं आते। कब छुट्टी देकर चले जाते हैं। कहना मुश्किल है। इससे बच्चों की पढाई बाधित हो रही है। मध्याह्न भोजन में भी व्यापक अनियमितता बरती जा रही है।

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