केले के रेशे से घर बैठे कर सकते हैं अच्छी आय : निदेशक

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कम्युनिटी साइंस विभाग द्वारा मंगलवार से सात दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Feb 2020 11:02 PM (IST) Updated:Wed, 12 Feb 2020 06:15 AM (IST)
केले के रेशे से घर बैठे कर सकते हैं अच्छी आय : निदेशक
केले के रेशे से घर बैठे कर सकते हैं अच्छी आय : निदेशक

समस्तीपुर। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कम्युनिटी साइंस विभाग द्वारा मंगलवार से सात दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ। प्राकृतिक रेशे से हस्तशिल्प सामग्री बनाने को लेकर यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण का उद्घाटन करते हुए प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. एमएस कांडू ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिला इस कला को सीखकर घर बैठे अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में केले की खेती काफी होती है। यहां केले का रेशा निकालकर कपड़ा सहित विभिन्न सौंदर्यीकरण सामग्री बनाकर बाजार में उतारा जाए तो अच्छी आमदनी का स्त्रोत बन सकता है। मौके पर कम्युनिटी साइंस की अधिष्ठाता डॉ. मीरा सिंह ने कहा कि कृषि कार्य के साथ-साथ अलग से अगर यह कार्य किया जाए तो काफी बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि कृषि योग्य भूमि लगातार घट रही है। ऐसे में हमें दूसरे विकल्प की ओर ध्यान देना आवश्यक है। केले एवं जूट के रेशे से कपड़े के साथ-साथ अच्छे बैग, गुड़िया, सहित अन्य सामग्री बनायी जा सकती है जो काफी आकर्षक होती है। बाजार में इसकी मांग भी बहुत है। सात दिवसीय प्रशिक्षण में लगभग 30 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही है।यह प्रशिक्षण आईसीएआर नैनफीट कोलकाता एवं पूसा केंद्रीय विश्वविद्यालय के सौजन्य से आयोजित किया गया है। मौके पर कोलकाता नैनफीट संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एल के नायक, प्रशिक्षण के प्रधान वैज्ञानिक डॉ संगीता देव, डॉ. स्मृतिरेखा सरकार, डॉ. अरुणिमा कुमारी आदि मौजूद थे। मंच संचालन गायत्री ने किया।

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