भूख से बिलबिलाते बच्चों को देख गैरों के भी पसीजे दिल

कोरोना काल में लोग संक्रमण के खौफ से घरों में दुबके हैं। अपनों में सिमट कर रहना बेबसी बन गई है। वही सिघियाघाट रेलवे स्टेशन पर एक ऐस वाकया हुआ जिसकी क्षेत्र में चर्चा हो रही है। बताया गया कि एक मंदबुद्धि महिला स्टेशन पर पहुंची। उसके साथ छोटे-छोटे 4 बच्चे थे। वह टिकट काउंटर के समक्ष शरण ले रखी थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 12:24 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 12:24 AM (IST)
भूख से बिलबिलाते बच्चों को देख गैरों के भी पसीजे दिल
भूख से बिलबिलाते बच्चों को देख गैरों के भी पसीजे दिल

समस्तीपुर । कोरोना काल में लोग संक्रमण के खौफ से घरों में दुबके हैं। अपनों में सिमट कर रहना बेबसी बन गई है। वही सिघियाघाट रेलवे स्टेशन पर एक ऐस वाकया हुआ, जिसकी क्षेत्र में चर्चा हो रही है। बताया गया कि एक मंदबुद्धि महिला स्टेशन पर पहुंची। उसके साथ छोटे-छोटे 4 बच्चे थे। वह टिकट काउंटर के समक्ष शरण ले रखी थी। वह बच्चों के साथ तकरीबन 24 घंटे भूखे- प्यासे वहां पर रही। इस पर कुछ लोगों की नजर पड़ी। मगर, कोरोना संक्रमण के डर से किसी ने उनका हालचाल जानना मुनासिब नहीं समझा। इतने घंटे बीतने के बाद लोगों में इस बात को लेकर फोन पर चर्चा हुई। स्टेशन परिसर में एक महिला अपने चार बच्चों के साथ गुमसुम बैठी है। भूख-प्यास से व्याकुल हो रही हैं। मानवता जागी तो कुछ लोगों ने इसकी सुधि लेना मुनासिब समझा। लोग जब वहां पहुंचे तो महिला ने भूखे बच्चों की ओर इशारा किया। अब बातें सबको समझ में आ रही थी। कुछ लोगों ने उसे रुपये दिए तब जाकर महिला ने दुकान से खाना लाकर बच्चों को खिलाया और स्वयं भी भूख प्यास बुझाई। लोगों को आशंका हुई कि महिला भटकी हुई है और मंदबुद्धि की है। आते- जाते लोगों में किसी ने उसकी पहचान कर ली। स्थानीय जनप्रतिनिधियों में पंचायत समिति सदस्य सह भाजपा नेता रामलाल तांती, समाजसेवी मनोज कुमार आदि की पहल पर टेंपो भाड़ा कर उसको ससुराल भेजवाया गया। इस संबंध में बताया जाता है कि महिला बच्चों के साथ अपने मायके से ससुराल जा रही थी। सिघियाघाट बस पड़ाव के समीप से चलकर वह ससुराल तक ना पहुंच स्टेशन पर चली गई। पूछे जाने पर स्टेशन मास्टर यशोधर कुमार कहते हैं कि वे ड्यूटी में थे। मंदबुद्धि महिला चार बच्चों के साथ स्टेशन पर दिखी। काफी पूछताछ के बाद भी वह कुछ नहीं बता रही थी। समाजसेवियों द्वारा सार्थक कदम उठाया गया है। जिसकी प्रशंसा हो रही है।

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