फर्ज के आगे रेखा ने परिवार का भी छोड़ दिया मोह

आपदा के इस दौर में परिवार से दूरी बनाकर निरंतर सेवा का जज्बा हिम्मत वालों में ही होता है। इन्हीं में एक हैं एएनएम रेखा कुमारी जो मजबूत इरादों के जरिए कोरोना जांच और वैक्सीनेशन में लगी हुई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:18 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 11:18 PM (IST)
फर्ज के आगे रेखा ने परिवार का भी छोड़ दिया मोह
फर्ज के आगे रेखा ने परिवार का भी छोड़ दिया मोह

समस्तीपुर । आपदा के इस दौर में परिवार से दूरी बनाकर निरंतर सेवा का जज्बा हिम्मत वालों में ही होता है। इन्हीं में एक हैं एएनएम रेखा कुमारी, जो मजबूत इरादों के जरिए कोरोना जांच और वैक्सीनेशन में लगी हुई हैं। रेखा स्वास्थ्य उपकेंद्र सिघिया खुर्द में कार्यरत हैं। संक्रमण काल से ही वह कंटेनमेंट जोन में जाकर संक्रमितों की जांच और उनको चिह्नित करने काम करती रहीं। कोरोना संदिग्धों का हौसला के साथ जांच करती रही। समस्तीपुर प्रखंड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में गांव-गांव जाकर संक्रमितों को खोजने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद जनवरी में वैक्सीनेशन का काम संभाला। उन्होंने बताया कि इस दौरान अवकाश भी नहीं लिया और जिम्मेदारी का पालन करते हुए अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करने में लगी रहीं। कोविड गाइडलाइन का पालन करने की अपील

कोरोना संकट के बीच ड्यूटी के दौरान हर समय चिता तो रहती ही है। सुबह जब घर से ड्यूटी के लिए निकलती है तो परिवार के लोग सावधानी बरतने के लिए कहते हैं। अभी फिलहाल शहर के नगर भवन में वैक्सीनेशन कार्य में जुटी है। कोविड गाइडलाइन के तहत हर समय मास्क लगाकर रखने का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। लोगों से भी अपील करती है कि बिना वजह से सड़क पर नहीं घूमना चाहिए। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए जो लॉकडाउन लगाया हुआ है, उसका पालन करें। कोरोना को मात देकर काम पर लौटे सीएचसी प्रभारी

सरायरंजन : आखिरकार कोरोना से जिदगी की जंग जीत कर गुरुवार को काम पर लौटे सरायरंजन सीएचसी प्रभारी डॉ. विजय कुमार। बता दें कि एक पखवाड़ा पूर्व वे अचानक सर्दी,जुकाम एवं बुखार से पीड़ित हो गए थे। जांच के दौरान वे कोरोना संक्रमित पाए गए । इसके बाद वे कनिष्ठ चिकित्सक डॉ. पंकज कुमार को प्रभार सौंप कर समस्तीपुर स्थित अपने आवास पर होम सोल्यूशन में चले गए । एक पखवाड़े बाद वे कोरोना संक्रमण से जिदगी की जंग जीत कर वापस काम पर लौटे। विगत एक पखवाड़े के अपने अनुभव को साझा करते हुए डॉ. विजय कुमार ने बताया कि जिदगी हमेशा यही संदेश देती है कि परिस्थिति चाहे जितनी भी विकट हो, हमें कभी हताश नहीं होना है। यही सजग नजरिया व्यक्ति को हर संकट से उबारने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि मुश्किल समय हमेशा परीक्षा लेता है। इसमें हम तभी सफल हो सकेंगे, जब थोड़ा सा समय खुद के साथ बिताएंगे । ऐसा करने से भावनात्मक शक्ति बेहतर होगी । उन्होंने कोरोना संक्रमण से उबरकर भला -चंगा होने के लिए परमपिता परमेश्वर एवं अपने शुभचितकों के प्रति शुक्रिया अदा की।

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