बहुउद्देश्यीय जरूरतों को पूरा कर रहा डाकघर

विश्व डाक दिवस के अवसर पर शनिवार को पूसा उपडाकघर में एक कार्यक्रम आयोजित कर भारतीय डाक विभाग के सफर पर प्रकाश डाला गया। अध्यक्षता उपडाकपाल पवन शर्मा ने की। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने डाक विभाग की सेवाओं और उनसे होने वाले लाभ की विस्तृत चर्चा की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 11:47 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 12:47 AM (IST)
बहुउद्देश्यीय जरूरतों को पूरा कर रहा डाकघर
बहुउद्देश्यीय जरूरतों को पूरा कर रहा डाकघर

समस्तीपुर । विश्व डाक दिवस के अवसर पर शनिवार को पूसा उपडाकघर में एक कार्यक्रम आयोजित कर भारतीय डाक विभाग के सफर पर प्रकाश डाला गया। अध्यक्षता उपडाकपाल पवन शर्मा ने की। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने डाक विभाग की सेवाओं और उनसे होने वाले लाभ की विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डाक विभाग के पूर्व जनसंपर्क निरीक्षक शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि देश में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्तूबर सन 1854 को हुई। वर्ष 1766 में भारत में पहली बार डाक व्यवस्था का प्रारंभ हुआ। वारेन हेस्टिग्स ने कोलकाता में प्रथम डाकघर सन 1774 में स्थापित किया। भारत में सन 1852 में पहली बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई तथा महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट 1 अक्टूबर सन 1854 को जारी किया गया। भारत में अब तक का सबसे बड़ा डाक टिकट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 20 अगस्त सन 1991 को जारी किया गया था। श्री सिंह ने बताया कि अपने प्रारंभिक काल में डाक विभाग द्वारा केवल पत्रों का आदान-प्रदान किया जाता था तथा समय और आवश्यकताओं के अनुरूप अब डाकघरों द्वारा डाक जीवन बीमा, पार्सल, रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट, बचत जमा, आरडी, टीडी, एनएससी, केभीपी, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि खाता, आरपीएलआइ, आइपीपीबी, मीडिया पोस्ट, लॉजिस्टिक पोस्ट, पासपोर्ट सेवा केंद्र सेवाएं संचालित की जा रही है। यह संस्थान आज बहुद्देश्यीय जरूरतों को पूरा कर रहा है। उपडाकपाल पवन शर्मा ने उपस्थित लोगों से डाकघर की समस्त सेवाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने की अपील की। मौके पर डाक सहायक विलास प्रसाद मंडल, अमन कुमार ठाकुर, राकेश कुमार ,राम जीनीश राय, चंद्रमणि प्रसाद भोला, महेश कुमार, मंदीप कुमार आदि उपस्थित रहे।

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