दोबारा मतगणना की मांग को लेकर पराजित उम्मीदवारों के काफी समर्थक थे जमा, बढ़ी भीड़ तो उग्र हुआ मामला
मोरदीवा मतगणना केंद्र में सोमवार को हुआ बवाल अप्रत्याशित नहीं था। इसकी पटकथा रविवार की शाम में ही लिखी जा चुकी थी। अपने परिणामों से असंतुष्ट प्रत्याशी व उनके समर्थक शाम में भी धरने पर बैठे थे लेकिन रात होने के कारण वे सभी वापस लौट गए। सभी की एक ही शिकायत थी कि आखिरकार गैरमौजूदगी में काउंटिग क्यों कराई गई। प्रशासन का दावा है कि संबंधित पंचायत की मतगणना से पूर्व अनाउंसमेंट कराया गया लेकिन प्रत्याशी या उनके नुमाइंदे अंदर नहीं आ पाए।
समस्तीपुर । मोरदीवा मतगणना केंद्र में सोमवार को हुआ बवाल अप्रत्याशित नहीं था। इसकी पटकथा रविवार की शाम में ही लिखी जा चुकी थी। अपने परिणामों से असंतुष्ट प्रत्याशी व उनके समर्थक शाम में भी धरने पर बैठे थे, लेकिन रात होने के कारण वे सभी वापस लौट गए। सभी की एक ही शिकायत थी कि आखिरकार गैरमौजूदगी में काउंटिग क्यों कराई गई। प्रशासन का दावा है कि संबंधित पंचायत की मतगणना से पूर्व अनाउंसमेंट कराया गया, लेकिन प्रत्याशी या उनके नुमाइंदे अंदर नहीं आ पाए। पंचायत चुनाव की मतगणना में गड़बड़ी और परिणाम से नाराज बड़ी संख्या में विभिन्न पंचायतों के लोग सोमवार सुबह से ही मतगणना केंद्र के आसपास जमा होने लगे थे। नाराज समर्थकों का दावा था कि प्रत्याशी की अनुपस्थिति में ही काउंटिग कराई गई। यह आरोप केवल हरपुर रेवाड़ी पंचायत की प्रत्याशी ही नहीं लगा रही थी यह शिकायत अन्य के भी थे। बात रेवाड़ी पंचायत से शुरू हुई जो सातनपुर, पतैली, भगवानपुर कमला आदि पंचायत के विभिन्न पदों पर पराजित प्रत्याशी दोबारे मतगणना कराने की मांग को लेकर वहां जमा हुए। लोगों की भीड़ मतगणना केंद्र के बाहर मुख्य पथ पर जमा हो गई और हंगामा करने लगी। इस दौरान कुछ लोगों ने मतगणना केंद्र के बाहर से अंदर में पथराव भी करना आरंभ कर दिया। पुलिस से लोगों की झड़प हुई। पलिस ने भी जमकर लाठियां भाजीं। इसमें भी कई लोग घायल हुए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
आखिरकार क्यों नहीं संतुष्ट हो पाए प्रत्याशी
अभी तक पांच प्रखंडों की मतगणना हो गई है। किसी भी प्रखंड व पंचायत की ओर से ऐसा आरोप नहीं लगा। उजियारपुर प्रखंड की ही विभिन्न पंचायतों से इस तरह के आरोप सामने आए। संभव था कि संबंधित प्रत्याशी ने माइकिग की आवाज नहीं सुनी हो और वे या उनके प्रतिनिधि वहां नहीं पहुंचे हो। तब कुछ देर के लिए मतगणना को रोका जा सकता था। या फिर उन्हें बुलाकर उन्हें संतुष्ट किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुखिया प्रत्याशी इंदू कुमारी का कहना था कि उसकी अनुपस्थिति में मतों की गणना की गई है। इसी वजह से विपक्षी उम्मीदवार की जीत हुई।
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मतगणना केंद्र के बाहर अवैध रूप से लगाए गए टेंट पंडाल को कराया खाली
मुखिया प्रत्याशी और समर्थकों के द्वारा मतगणना केंद्र पर किए गए हंगामे व पथराव के बाद पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में अभियान चलाकर बाहर अवैध रूप से लगे टेंट पंडाल को खाली कराया गया। साथ ही अतिक्रमणकारियों को सख्त चेतावनी भी दी गई। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मतगणना केंद्र के आसपास बिना अनुमति प्रवेश वर्जित है। ऐसे में टेंट पंडाल लगाकर भीड़ जुटाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मौके पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सदर एसडीओ आरके दिवाकर, अंचलाधिकारी विनय कुमार समेत काफी संख्या में पुलिस के जवान शामिल रहे।