किसानों की बची उम्मीदों पर बारिश ने फेरा पानी

समस्तीपुर। जिला मुख्यालय व आसपास के इलाके में पिछले तीन दिनों से तेज बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:59 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:59 PM (IST)
किसानों की बची उम्मीदों पर बारिश ने फेरा पानी
किसानों की बची उम्मीदों पर बारिश ने फेरा पानी

समस्तीपुर। जिला मुख्यालय व आसपास के इलाके में पिछले तीन दिनों से तेज बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। इससे एक ओर जहां निचले इलाके में जलभराव की समस्या हो गई है। वहीं किसानों के खेत में लगे फसल बर्बाद हो रहे हैं। प्रतिदिन मजदूरी करने वाले श्रमिक, रिक्शा चालक, सब्जी विक्रेता व फुटपाथ दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के अधिकांश मोहल्ले में सड़क पर बारिश का पानी जमा है। वहीं, दूसरी ओर बारिश और हवा के चलते जगह जगह पेड़ गिरने से घंटों विद्युत संचरण की व्यवस्था प्रभावित रही। तेज हवा के साथ बारिश होने से खेतों में पककर तैयार धान की फसल गिर गई। इस बारिश में किसानों की बची खुल उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है। इस सीजन में अतिवृष्टि किसानों के लिए शुरू से ही समस्या बनी रही। आरंभ में अधिक बारिश होने से बिचड़ा खराब हो गया। खेतों से पानी निकलने के बाद किसानों ने फिर से बिचड़ा गिराकर नर्सरी तैयार होने पर धान की रोपनी की। रोपनी के समय भी लगातार चार-पांच दिनों तक बारिश होती रही। इसके कारण खेतों में रोपे गए धान के काफी पौधे गलकर बर्बाद हो गए। हालांकि, इसके बाद किसानों को मौसम का साथ मिला। बीच-बीच में बारिश होने से धान की फसल खेतों में लहलहाने लगी, लेकिन फिर मौसम किसानों पर भारी पड़ गई। रूक-रूक कर बारिश होने से 50 प्रतिशत से अधिक धान की फसल खेतों में गिर जाने से बर्बाद हो गई।

अबतक जिले में 500-600 एकड़ में लगी धान की फसलों को नुकसान हुआ है। करीब 25 से 30 हजार किसान प्रभावित हुए हैं। 800 से 1000 एकड़ में लगी सब्जी की खेती नष्ट हुई है। यदि जलभराव की यही स्थिति रही तो रबी की खेती 50 से 60 दिन आगे जा सकती है। ------------------------------------------------------------------

खेत में तैयार धान की फसल गिरी, किसान मायूस

कल्याणपुर, संस : प्रखंड क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से हवा के साथ तेज बारिश ने धान की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। किसान मायूस नजर आ रहे हैं। सैदपुर के प्रगतिशील किसान एहसान ने बताया कि खेत में घान की फसल खड़ी है। इस समय में तेज हवा एवं बारिश से धान का पौधा गिर कर बर्बाद होने लगा है। वहीं खेतों में ज्यादा नमी बनने से अगली फसल भी प्रभावित हो सकती है। जबकि, धान इस क्षेत्र की मुख्य नकदी फसल है। किसानों के अनुसार धान की अच्छी उपज के लिए खेतों में सामान्य नमी व तेज धूप की जरूरत है। इस बारिश के कारण परवल, बंद गोभी, कद्दू समेत सब्जी की फसल बर्बाद हो रही है। अजना गांव के सब्जी उत्पादक किसान विमल महतो ने बताया कि खेतों में जलभराव के चलते 2 एकड़ में सब्जी की फसल बर्बाद हो चुकी है। ---------------

रबी फसल की तैयारी में जुटे किसान, खेतों में जलभराव व नमी से परेशान

खानपुर, संस: प्रखंड क्षेत्र में हवा के साथ हुई तेज बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान का समाना करना पड़ा है। अत्यधिक वर्षा के कारण क्षेत्र के विभिन्न भागों में लगे अधपके धान की फसल बर्बाद हो रही है। स्थानीय हरिहरपुर खेढ़ी गांव के प्रगतिशील किसान टूनटून झा, हरेआम चौधरी, सिरोपट्टी गांव के सुरेश महतो, रामचरित्र महतो, सुंदेश्वर महतो, रामलखन महतो ने बताया कि अक्टूबर का महीना धान की फसल में मंजर आने का समय होता है। इस समय हवा बारिश से धान के अधिकांश पौधे गिर गए हैं। वहीं खैरी के देवनारायण पौदार, धर्मपुर शीतल गांव के अशोक राय ने बताया कि नीचले इलाके में पहले ही जलजमाव से फसल बर्बाद हो चुकी है। तिलहन के फसल बुलाई समय से नहीं हो सकी।

------- पशुपालक किसानों की भी बढ़ी परेशानी

उजियारपुर, संस : प्रखंड क्षेत्र में हवा के साथ तेज बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। किसानों के खेत में खड़ी धान की फसल जमीन पर गिर गए है। खेतों में जलभराव की स्थिति है। पशुपालक किसानों को मवेशी का चारा जुटाने में भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा रहा है। मुरियारो गांव के किसान राजीव कमल, अमित कुमार मिश्रा, मनीष कुमार सिंह ने बताया कि पिछले कई माह से बारिश के कारण खेतों में जलभराव है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में किसानों के चेहरे पर मायूसी

सिघिया, संस : प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश के कारण किसानों के चेहरे पर चिता की लकीर खींच गई है। यहां खेतों में जमा बाढ़ का पानी निकलने के बाद किसान अगली फसल की तैयारी में जुटे थे। इसी बीच एक बार फिर से बारिश शुरु हो जाने के कारण उम्मीद पर पानी फिर गया है। किसानों का कहना है कि बाढ़ के कारण खरीफ की फसल मारी गई। अब बारिश के कारण रबी फसल की बुआई भी देर से होगी। प्रखंड आत्मा अध्यक्ष कौशल प्रसाद सिंह, महिसारी के मुखिया श्रवण पासवान, पूर्व मुखिया कुशेश्वर राय, संजीत राय आदि किसानों ने कहा कि अब इस बार मक्के, गेंहू और सरसों का फसल उपजना संभव नहीं लगता है। आत्मा अध्यक्ष ने जिला कृषि पदाधिकारी से किसानों के खेतों में धान के फसल की हुई क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है। धान रोपाई के समय हुई बरसात ने किसानों को फायदा पहुंचाया, अब नुकसान

शिवाजीनगर, संस: प्रखंड क्षेत्र में तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश के कारण किसानों के धान की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी है। वंधार , चित्तौड़ा वेला,दसौत, बंदा,डुमरा मोहन, बाघोपुर, बल्लीपुर, करियन, परशुराम ,जाखड़ धर्मपुर, रहियार दक्षिण, रहटौली, मधुरापुर समेत आसपास के गांव में हजारों एकड़ में लगी फसल हुई बर्बाद। किसान प्रवेश कुमार चौधरी, राम सगुण सिंह, शशि कुमार सिंह, राम करण मंडल, रामसेवक यादव, लालटेन महतो ने बताया कि इस साल धान रोपाई के समय में हुई बरसात से किसानों को काफी फायदा हुआ था। लेकिन, चक्रवाती तूफान के साथ बरसात ने उस पर पानी फेर दिया है।

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