अब पूर्णिया कोर्ट से परिचालित होगी जनसेवा एक्सप्रेस

सहरसा से अमृतसर के लिए परिचालित होने वाली जनसेवा एक्सप्रेस आने वाले दिनों में पूर्णिया कोर्ट से चलेगी। इसके लिए समस्तीपुर रेल मंडल प्रशासन की ओर से पहल की गई है। रेल प्रशासन ने इस दिशा में एक प्रस्ताव पूर्व मध्य रेल को भेज दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jul 2019 01:04 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2019 06:32 AM (IST)
अब पूर्णिया कोर्ट से परिचालित होगी जनसेवा एक्सप्रेस
अब पूर्णिया कोर्ट से परिचालित होगी जनसेवा एक्सप्रेस

समस्तीपुर । सहरसा से अमृतसर के लिए परिचालित होने वाली जनसेवा एक्सप्रेस आने वाले दिनों में पूर्णिया कोर्ट से चलेगी। इसके लिए समस्तीपुर रेल मंडल प्रशासन की ओर से पहल की गई है। रेल प्रशासन ने इस दिशा में एक प्रस्ताव पूर्व मध्य रेल को भेज दिया है। जो मुख्यालय द्वारा रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलते शीघ्र यह ट्रेन पूर्णिया कोर्ट से चलने लगेगी। समस्तीपुर मंडल के सीनियर डीओएम अमरेश कुमार ने कहा कि यात्री सुविधा के लिए जनसेवा एक्सप्रेस का परिचालन पूर्णिया कोर्ट से शुरू करने का निर्णय लेते हुए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यालय रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजेगा। वहां से निर्देश मिलते जनसेवा का परिचालन पूर्णिया कोर्ट से शीघ्र शुरू हो जाएगा।

जनसेवा एक्सप्रेस अमृतसर से लौटने के बाद सहरसा में 16 घंटे तक यार्ड में खड़ी रहती है। अगले दिन इसके परिचालन का समय रहता है। पूर्णिया कोर्ट से इसे चलाने पर सहरसा में जनसेवा को रखी जाने वाली लाइन खाली होने पर वैशाली सुपरफास्ट, राज्यरानी एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों को रखने की जगह बन जाएगी। फिलहाल सहरसा यार्ड में ट्रेनों को रखने में कम पड़ रही जगह की समस्या काफी हद तक दूर होगी। मजदूर तबके के यात्रियों को भी होगा फायदा

जनसेवा एक्सप्रेस के पूर्णिया कोर्ट से चलने पर खासकर सीमांचल क्षेत्र के वैसे मजदूर तबके के यात्रियों को फायदा होगा, जिन्हें पंजाब, दिल्ली और हरियाणा जाने के लिए जनसेवा पकड़ने के लिए घंटों दूरी तय कर सहरसा जाना पड़ता था। पूर्णिया, कटिहार, बनमंखी, जानकीनगर, मुरलीगंज, मधेपुरा सहित आसपास के आम यात्रियों को भी आवाजाही के लिए एक और एक्सप्रेस ट्रेन मिल जाएगी। हालांकि पूर्णिया कोर्ट से जनसेवा का परिचालन बहाल होने से सहरसा के रेल राजस्व पर असर पड़ेगा। क्योंकि इस ट्रेन से अकेले रोज का टिकट कटने से रेलवे का राजस्व लाखों रुपए में पहुंच जाता है। पिछले साल मजदूरों के पलायन के समय सहरसा में 13 से 17 जून के बीच टिकट बिक्री से रिकॉर्ड रेल राजस्व दो करोड़ 18 लाख रुपये के पार पहुंच गया था।

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