गायब कारतूसों का नहीं मिला सुराग

समस्तीपुर। दुधपुरा पुलिस केन्द्र स्थित शस्त्रागार से वर्ष 2018 में पुलिस केन्द्र के शस्त्रागार से 4 हजार 56 कारतूस समेत कारबाइन की नौ मैगजीन गायब होने का मामला प्रकाश में आया। जांच रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक 9 एमएम की 3817 गोली गायब है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:44 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:44 PM (IST)
गायब कारतूसों का नहीं मिला सुराग
गायब कारतूसों का नहीं मिला सुराग

समस्तीपुर। दुधपुरा पुलिस केन्द्र स्थित शस्त्रागार से वर्ष 2018 में पुलिस केन्द्र के शस्त्रागार से 4 हजार 56 कारतूस समेत कारबाइन की नौ मैगजीन गायब होने का मामला प्रकाश में आया। जांच रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक 9 एमएम की 3817 गोली गायब है। इसके अलावे रायफल की 110, एके 47 की 49 व इंसास रायफल की 26 गोली शस्त्रागार से गायब है। इस मामले में गठित जांच कमेटी द्वारा जून 2015 से अब तक की गोलियों की निर्गत व जमा रजिस्टर की जांच की गई। स्टॉक के हिसाब से 19850 गोली होनी चाहिए थी लेकिन स्टॉक में 3817 गोली कम मिली। इसी तरह इंसास रायफल की कुल 13025 गोली है, जिसमें 11880 निर्गत की गई थी। इस हिसाब से भंडार में 1145 गोली होनी चाहिए, लेकिन भंडार में 1119 गोली ही उपलब्ध मिली। एके 47 की 49 व थ्री नट थ्री की 110 गोली कम मिली थी। वर्ष 2015 से ही गायब हो रहे थे कारतूस

वर्ष 2018 में पुलिस अधीक्षक दीपक रंजन ने पुलिस लाइन में अपने निरीक्षण के दौरान इस अनियमितता को पकड़ा था। जांच के लिए उन्होंने दलसिंहसराय डीएसपी कुंदन कुमार के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी की रिपोर्ट में यह सामने आया कि कारतूस गायब होने का यह खेल जुलाई 2015 से ही चल रहा था।

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दर्ज प्राथमिकी में 12 पुलिस कर्मी नामजद

पुलिस की एफआइआर में तत्कालीन सार्जेंट मेजर मिथिलेश कुमार सिंह, कोत प्रभारी भोला प्रसाद चौधरी, देवनंदन दास, राजेन्द्र गिरी, हवलदार बच्चनदेव श्रीवास्तव, जमादार उमाशंकर सिंह, सिपाही आशीष आनंद, संजय शर्मा, रामाशंकर सिंह, विजय गिरी समेत दो अन्य को आरोपित किया गया था। वर्तमान में अधिकांश पुलिस कर्मियों का स्थानांतरण हो चुका है। कई सेवानिवृत भी हो चुके हैं। हवलदार रामाशंकर सिंह की मृत्यु हो चुकी है।

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