प्रखंडों में जल संचयन संरचना मॉडल के निर्माण की जरूरत

जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में शुक्रवार जल जीवन हरियाली अभियान की समीक्षात्मक बैठक हुई। सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के जीर्णोद्धार की प्रखंडवार समीक्षा की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 12:22 AM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 12:22 AM (IST)
प्रखंडों में जल संचयन संरचना मॉडल के निर्माण की जरूरत
प्रखंडों में जल संचयन संरचना मॉडल के निर्माण की जरूरत

समस्तीपुर । जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में शुक्रवार जल जीवन हरियाली अभियान की समीक्षात्मक बैठक हुई। सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के जीर्णोद्धार की प्रखंडवार समीक्षा की। उन्होंने सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को अपने-अपने प्रखंड में सरायरंजन मॉडल की तर्ज पर एक-एक जल संचयन संरचनाओं के जीर्णोद्धार कर अविलंब सौंदर्यीकरण करने का निर्देश दिया। तत्पश्चात डीएम ने सार्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार की समीक्षा की। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को सभी चिह्नित कुओं के अतिशीघ्र जीर्णाेद्धार करने का निर्देश दिया। तत्पश्चात चापाकलों, नलकूपों के किनारे सोख्ता, रिचार्ज एवं अन्य जल संचयन संरचना का निर्माण की समीक्षा की। सभी चापाकल, कुआं, नलकूपों के किनारे सोख्ता का अतिशीघ्र निर्माण करने का निर्देश दिया। समीक्षात्मक बैठक की अगली कड़ी में छोटी-छोटी नदियों-नालों तथा जल संग्रहण क्षेत्र में जल संचयन की संरचना का निर्माण एवं अन्य नए जल स्त्रोतों की समीक्षा की। भवनों की छत पर वर्षा जल संरचनाओं का निर्माण कराने को कहा। मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सियाराम मिश्र, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी रजनीश कुमार, पीएचईडी के कार्यपालक पदाधिकारी धीरज कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

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