उत्तर बिहार में अधिकांश स्थानों पर होगी अच्छी वर्षा

पूसा। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक 11-15 जुलाई के बीच उत्तर बिहार के जिलों में अधिकांश स्थानों पर अच्छी वर्षा होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 01:26 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 01:26 AM (IST)
उत्तर बिहार में अधिकांश स्थानों पर होगी अच्छी वर्षा
उत्तर बिहार में अधिकांश स्थानों पर होगी अच्छी वर्षा

पूसा। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक 11-15 जुलाई के बीच उत्तर बिहार के जिलों में अधिकांश स्थानों पर अच्छी वर्षा होगी। आमतौर पर इस अवधि में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 30 से 34 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 25-27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। अगले दो दिनों तक पूरबा हवा तथा उसके बाद के पूर्वानुमानित अवधि में पछिया हवा चलने का अनुमान है। इस अवधि में औसतन 15-20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। सापेक्ष आ‌र्द्रता सुबह मे 80 से 90 फीसद तथा दोपहर में 60 से 70 फीसद रहने की संभावना है। यह जानकारी मौसम विज्ञानी डा. ए सत्तार ने दी है। आज का अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 3.5 डिग्री कम रहा वहीं न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 6.1 डिग्री कमॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅॅ रहा।

समसामयिक सुझाव वर्षा जल का लाभ उठाते हुए जिन किसानों के पास धान का बिचड़ा तैयार हो वे नीची तथा मघ्यम जमीन में रोपनी कर सकते हैं। धान की रोपाई के समय उर्वरकों का व्यवहार सदैव मिट्टी जांच के आधार पर करें। यदि मिट्टी जांच नहीं कराया गया हो तो मध्यम एवं लम्बी अवधि की किस्मो के लिए 30 किलोग्राम नेत्रजन, 60 किलोग्राम स्फुर एवं 30 किलोग्राम पोटाश के साथ 25 किलोगाम जिक सल्फेट या 15 किलोगा्रम प्रति हेक्टर

चिलेटेड जिक का व्यवहार करें। जिन क्षेत्रो में अच्छी वर्षा हुई एवं धान का बिचड़ा तैयार हो वे नीची तथा मघ्यम जमीन में रोपनी करें। अगर इन क्षेत्रों मे किसानों के पास बिचड़ा उपलब्ध नहीं है, तो किसान कदवा करके धान की सीधी बुआई वेट डीएसआर विधि से करें। 2-3 दिनो के बाद वर्षा की संभावना को ध्यान में देखते हुए कृष्णा, कांके सफेद, कालिका और गति तिल की अनुशंसित किस्मों की बुआई कर सकते हैं।

आम का बगान लगाने का यह समय अनुकुल चल रहा है। किसान भाई अपने पसंद के अनुसार अलग-अलग समय में पकने वाली किस्मों का चयन कर सकते हैं।

(डॉं0 गुलाब सिंह) तकनीकी पदाधिकारी (डॉं0 ए. सत्तार) नोडल पदा ि

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