आíथक तंगी से जूझ रहे गांव पहुंचने वाले प्रवासी
विभिन्न प्रदेशों से काफी जद्दोजहद के बाद अपने गांव पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों को आíथक तंगी से जूझना पर रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान दो माह तक प्रदेशों में जमा कमाई घर पहुंचने तक में समाप्त हो चुकी है।
समस्तीपुर । विभिन्न प्रदेशों से काफी जद्दोजहद के बाद अपने गांव पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों को आíथक तंगी से जूझना पर रहा है। देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान दो माह तक प्रदेशों में जमा कमाई घर पहुंचने तक में समाप्त हो चुकी है। इन मजदूरों के पास फूटी कौड़ी भी नहीं बची है। जबकि घर पहले से खाली पड़ा है। लॉकडाउन के कारण दूसरे प्रदेश से एक पैसा भी कमाई घर नहीं भेज सका था। अब घर पर भी फिलहाल कोई काम धंधा नहीं है। जिससे प्राप्त आमदनी से घर में चूल्हा- चौका जल सके। रही बात बच्चों की पढ़ाई की तो, वह भी पहले शिक्षकों की हड़ताल, बाद में कोरोना का लॉकडाउन के कारण सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन पूरी तरह ठप हो चुका है। बच्चे दिन भर खेलकूद में समय बिता रहे हैं। हालांकि सरकारी स्तर से राशन कार्डधारी परिवारों को लॉकडाउन की अवधि तक मुफ्त राशन के साथ ही हर परिवार के बैंक खाते में 1 एक हजार नकद राशि भी मिल रही हैं। लेकिन, रोजगार की दरकार अब इन मजदूरों को है, जिससे उनका घर ठीक से चल सके।