होम आइसोलेशन में गए संविदा पर कार्यरत चिकित्साकर्मी
अपनी लंबित मांगों के समर्थन में सरायरंजन प्रखंड में संविदा पर कार्यरत एक दर्ज चिकित्साकर्मी मंगलवार से होम आइसोलेशन में चले गए हैं। होम आइसोलेशन पर गए चिकित्साकर्मियों में स्वास्थ्य प्रबंधक डाटा ऑपरेटर लेखापाल लैब टेक्नीशियन एएनएम आदि शामिल हैं।
समस्तीपुर । अपनी लंबित मांगों के समर्थन में सरायरंजन प्रखंड में संविदा पर कार्यरत एक दर्ज चिकित्साकर्मी मंगलवार से होम आइसोलेशन में चले गए हैं। होम आइसोलेशन पर गए चिकित्साकर्मियों में स्वास्थ्य प्रबंधक, डाटा ऑपरेटर, लेखापाल, लैब टेक्नीशियन, एएनएम आदि शामिल हैं। वहीं संविदा पर कार्यरत सभी आयुष चिकित्सकों ने काला बिल्ला लगाकर अपनी ड्यूटी दी। इस आशय की जानकारी देते हुए संघ के जिला मीडिया प्रभारी डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि अगर सरकार उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं करती है तो वे लोग भी संघ के आह्वान पर आगामी 15 मई से होम आइसोलेशन पर जाने को विवश होंगे। संविदा पर बहाल आयुष चिकित्सक करेंगे आंदोलन
मोहिउद्दीननगर : स्थानीय अस्पताल में संविदा पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों ने चिकित्सकीय कार्य से अलग रहकर होम आइसोलेशन में जाने का निर्णय लिया है। संविदा कर्मियों ने चिकित्सा पदाधिकारी के नाम लिखे पत्र में कहा है कि बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के पत्रांक 01, दिनांक 10 मई 2021 के आलोक में यह निर्णय लिया गया है। कहा कि होम आइसोलेशन में रहकर अस्पताल की संपूर्ण जिम्मेवारी से हम सब मुक्त रहेंगे। धीरेन्द्र कुमार, रामकुमार राय, अमित कुमार सिन्हा, सुमन कुमार, धर्मेद्र कुमार, हीरा कुमारी आदि शामिल रहे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कार्य उपलब्ध कराने की मांग
रोसड़ा : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना 2020 के तहत प्रवासी मजदूरों को काम उपलब्ध कराए जाने की मांग को ले भाकपा जिला सचिव सुरेद्र कुमार सिंह मुन्ना ने एसडीओ रोसड़ा को मांग पत्र सौंपा है। सौंपे गए मांगपत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 6 राज्यों के 16 जिलों में कोरोना त्रासदी के कारण प्रवासी मजदूरों को अपने- अपने प्रदेश के गांवों में तत्काल 125 दिनों का विभिन्न तरह के रोजगार की घोषणा विगत वर्ष खगड़िया में करने का जिक्र किया है। जिसमें कुल बजट 50 हजार करोड़ की आधी राशि सिर्फ बिहार के 32 जिलों में खर्च करना था। पत्र में उन्होंने लिखा है कि उक्त योजना के तहत सीएम ने 3 करोड़ 45 लाख रुपये प्रत्येक पंचायतों में रोजगार उपलब्ध कराने में खर्च किए जाने की घोषणा की थी। बावजूद रोसड़ा अनुमंडल के किसी भी प्रखंड में उक्त योजना के तहत किसी भी प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो सका। परिणामस्वरुप पुन: रोजी- रोजगार के तलाश में मजदूरों को पलायन करना पड़ा।