सीआरपीएफ में हवलदार पटोरी की जांबाज बेटी के नाम कई वीरता पुरस्कार
सप्तम मां कालरात्रि। जननी पालनकर्ता परिश्रमी और दृढ़ता के स्वरूप के बाद परिवार की रक्षा के लिए साहस की मूर्ति बनकर सामने आने वाली स्त्रियों में मां का यह स्वरूप दिखता है। देश की सीमा हो या शहर-गांव की कानून एवं व्यवस्था नारी आज हर जगह अपराध और शत्रु के दमन में सक्षम भी है और सजग भी। ऐसी ही महिला हैं पटोरी की बेटी संगीता।
समस्तीपुर । सप्तम, मां कालरात्रि। जननी, पालनकर्ता, परिश्रमी और दृढ़ता के स्वरूप के बाद परिवार की रक्षा के लिए साहस की मूर्ति बनकर सामने आने वाली स्त्रियों में मां का यह स्वरूप दिखता है। देश की सीमा हो या शहर-गांव की कानून एवं व्यवस्था, नारी आज हर जगह अपराध और शत्रु के दमन में सक्षम भी है और सजग भी। ऐसी ही महिला हैं पटोरी की बेटी संगीता। बहादुरपुर पटोरी निवासी स्व. नागेश्वर मिश्रा एवं बेबी देवी की पुत्री संगीता सीआरपीएफ में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं। देश ही नहीं, विदेशों में भी उन्होंने कई आपरेशन में भाग लिया है। अपनी सेवा इंटरनेशनल पुलिस सर्विस के तहत लाइबेरिया में भी दे चुकी हैं। एक मां, एक बेटी और देश के जाबांज सिपाही के रूप में इनकी झोली में कई पुरस्कार भी आ चुके हैं।
सीआरपीएफ के डाइमंड जुबली समारोह के लिए नई दिल्ली इंडिया गेट के सामने राजपथ पर 02 नवंबर 2014 को बाइक चलाते हुए उन्होंने रिकार्ड प्रदर्शन किया था। उन्होंने 350 सीसी इनफील्ड बुलेट बाइक की छह फीट ऊपर सीढ़ी पर बैठकर 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बाइक चलाने का रिकार्ड बनाया। उसकी इस उपलब्धि पर लिम्का बुक आफ रिकार्ड के एडिटर विजया घोष ने इस आशय का प्रमाण पत्र उनके नाम निर्गत किया। उनकी इस उपलब्धि पर 10 नवंबर 2014 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की पत्नी और सीआरपीएफ के डीजीपी की पत्नी ने एक समारोह में लिम्का बुक आफ रिकार्ड का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया था। संगीता वर्तमान में सीआरपीएफ कैंप नई दिल्ली के द्वारिका सेक्टर 8 में हवलदार कमांडो के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूएन ने यूनाइटेड नेशंस मेडल से भी सम्मानित किया है। लगभग 42 वर्षीया संगीता ने करीब डेढ़ वर्ष तक अपनी सेवा इंटरनेशनल पुलिस सर्विस के तहत लाइबेरिया में भी दी है। उन्हें अबतक राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।