फाइटर बनकर कोरोना रोकने को लड़ रहे मनोज

कोरोना के खिलाफ मनोज पासवान एक फाइटर की तरह लड़ रहे हैं। वह पूरी सेफ्टी के साथ कोरोना संक्रमित का सैंपल लेने के साथ-साथ उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं। जिससे संक्रमित को आशंका को लेकर पर किसी तरह का असर नहीं पड़े।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:34 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:34 AM (IST)
फाइटर बनकर कोरोना रोकने को लड़ रहे मनोज
फाइटर बनकर कोरोना रोकने को लड़ रहे मनोज

समस्तीपुर । कोरोना के खिलाफ मनोज पासवान एक फाइटर की तरह लड़ रहे हैं। वह पूरी सेफ्टी के साथ कोरोना संक्रमित का सैंपल लेने के साथ-साथ उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं। जिससे संक्रमित को आशंका को लेकर पर किसी तरह का असर नहीं पड़े। वह कहते है कि किसी भी संकट से बचने का सबसे आसान तरीका उससे डटकर मुकाबला ही होता है। कोरोना से दमदारी से लड़ रहे हैं। वह सुबह ही घर से निकलते है तो रात को ही घर जाते है। कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट भी तैयार करते है। सैंपल लेने के अलावा लैब में भी जांच ड्यूटी में तैनात है, जहां रोजाना 200 से अधिक संदिग्ध मरीजों की जांच हो रही है। वह कहते है कि इस मुश्किल घड़ी में पीछे नहीं हटा जा सकता। वायरस के कदम को रोकने के लिए कर रहे ड्यूटी

मनोज प्रत्येक दिन समय से अपनी ड्यूटी पर पहुंच जाते है। सदर अस्पताल के ओपीडी के समीप पहले कोरोना संदिग्धों का सैंपल लेते है। इसके बाद भीड़ समाप्त होने पर फिर सदर अस्पताल परिसर स्थित संचालित ट्रूनेट लैब में भी जांच करते हैं। इसके बाद रिपोर्ट की सूची अपने अधिकारी को सौंप देते हैं। कोरोना को हराने के लिए बिना डरे व रुके कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। इनकी जीवटता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। वायरस के बढ़ते कदम को रोकने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। जिम्मेदारी को देते है पहली प्राथमिकता

मनोज का कहना है कि वह अपनी जिम्मेदारी को पहली प्राथमिकता देते हैं। सरकार, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन कोरोना से लड़ने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं, परंतु केवल ये ही कोरोना से लड़ने के लिए काफी नहीं है, हर किसी का यह कर्तव्य बनता है कि वह इस संकट की घड़ी में आगे बढ़कर सरकार, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का साथ दे। मनोज जैसे योद्धाओं के साहस और जज्बे से यकीन होता है कि हम कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन को अवश्य हराकर रहेंगे।

chat bot
आपका साथी