जिले में फल-फूल रहा लॉटरी का धंधा, धंधेबाजों की कट रही चांदी

प्रतिबंध के बावजूद जिले में लॉटरी का अवैध धंधा काफी फल फूल रहा है। बावजूद पुलिस प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो रही है। इस गोरखधंधे से लोगों को मालामाल करने का लालच दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 12:24 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:13 AM (IST)
जिले में फल-फूल रहा लॉटरी का धंधा, धंधेबाजों की कट रही चांदी
जिले में फल-फूल रहा लॉटरी का धंधा, धंधेबाजों की कट रही चांदी

समस्तीपुर । प्रतिबंध के बावजूद जिले में लॉटरी का अवैध धंधा काफी फल फूल रहा है। बावजूद पुलिस प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो रही है। इस गोरखधंधे से लोगों को मालामाल करने का लालच दिया जा रहा है। लॉटरी की कीमत कम होती है, लिहाजा लोग आसानी से इनकी जाल में फंस जाते हैं। खासकर निर्धन तबके के लोगों को मामूली हिस्से का लालच देकर धंघा कराया जा रहा है। इनाम के तौर पर मोटी रकम पाने की फिराक में लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को गवां रहे हैं। चोरी छिपे चल रहा धंधा

जिला मुख्यालय में भी यह गोरखधंधा काफी पनप रहा है। शहर व आसपास के क्षेत्र में लॉटरी का संचालन करने वाले कई गिरोह सक्रिय है। चोरी छिपे लॉटरी की ब्रिक्री की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इस गोरखधंधे से जुड़े घंधेबाज खुद लाखों रुपये कमाई कर रहे हैं। जबकि लॉटरी खरीदने वाले लोग लालच में मेहनत की गाढ़ी कमाई गवां रहे हैं। खासकर रिक्शा चालक, फूटपाथी, दुकानदार व बेरोजगार, नौजवान इन कारोबारियों की जाल में आसानी से फंस रहे हैं। शुरुआत के चंद हजार रुपये जीतकर लोग इन कारोबारियों से जुड़े हैं और फिर बार धीरे धीरे अपना धन गवां बैठते हैं। सेंटिग से चल रहा धंधा

लॉटरी का टिकट बेचने वाले या टिकट खरीदने वाले इतने गुप्त तरीके से इस खेल में शामिल हैं कि आम लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है। बताया जाता है कि टिकट बेचने वाले नियत स्थान पर आकर बैठक जाते हैं। मात्र कुछ घंटे के बीच अपना काम समाप्त कर देते हैं। सूत्रों के अनुसार शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन लाखों रुपये के लाटरी का अवैध धंध हो रहा है। इसमें कई ऐसे माफिया सक्रिय हो गए हैं। जो अपने स्तर से लॉटरी को प्रिट करवाते हैं। लॉटरी का सारा काम सेंटिग से चलता है। इसके लिए हिस्सेदारी भी तय की गई है। लॉटरी के धंधेबाज चौक चौराहों पर एक निश्चित स्थान पर एक कॉपी, लॉटरी का टिकट व मोबाइल लेकर बैठ जाते हैं। आम लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है। सूत्रों की मानें तो शहर के सटे जितवारपुर, हसनपुर, हकीमाबाद, बहादुरपुर, मगरदही, कोरबद्धा, बुल्लेचक, सोनेलाल ढाबा, धर्मपुर, बंगाली टोला समेत कई स्थान पर गिरोह सक्रिय है। हलांकि, सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस द्वारा कई बार धंधेबाजों के खिलाफ कई बार सख्त कार्रवाई की गई है। इसके बावजूद धंधेबाज बेखौफ हैं। वर्जन

अवैध लॉटरी टिकट ब्रिक्री को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर है। इस पर जल्द ही विशेष छापेमारी कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

विकास बर्मन, एसपी

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