दवा क्रय में गड़बड़ी मामले में दो होम्योपैथिक दुकान का लाइसेंस रद

समस्तीपुर। दवा क्रय में गड़बड़ी के मामले में औषधि विभाग की सहायक औषधि नियंत्रक नीलिमा कुमारी ने दो होमियोपैथिक दवा दुकान का लाइसेंस रद कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 12:04 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 12:04 AM (IST)
दवा क्रय में गड़बड़ी मामले में दो होम्योपैथिक दुकान का लाइसेंस रद
दवा क्रय में गड़बड़ी मामले में दो होम्योपैथिक दुकान का लाइसेंस रद

समस्तीपुर। दवा क्रय में गड़बड़ी के मामले में औषधि विभाग की सहायक औषधि नियंत्रक नीलिमा कुमारी ने दो होमियोपैथिक दवा दुकान का लाइसेंस रद कर दिया। इसमें शहर के पुरानी पोस्ट ऑफिस रोड स्थित मेसर्स नेशनल होमियो हॉल के संचालक दीपक प्रसाद गुप्ता और मथुरापुर घाट स्थित मेसर्स जर्मन होमियो हॉल के संचालक दिनेश कुमार शामिल है। जिले में जहरीली शराब पीने से पटोरी में आठ की मौत हो गई थी। इसके उपरांत जिलाधिकारी शशांक शुभंकर के निर्देश पर औषधि विभाग ने होमियोपैथिक दवा दुकानों में छापेमारी करते हुए जांच की थी। जांच के उपरांत गड़बड़ी पाए जाने पर जवाब तलब किया गया था। औषधि विभाग की टीम ने नेशनल होमियो हॉल, जर्मन होमियो हॉल और सम्राट लेबोरेट्री में जांच की थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर सहायक औषधि नियंत्रक ने दोनों दुकानदार पर कार्रवाई की। जबकि, सम्राट लेबोरेट्री द्वारा विनिर्माण करने की वजह से कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट पटना विभाग को भेजी गई है। जहां से कार्रवाई को लेकर प्रक्रिया चल रही है। ड्रग विभाग की छापेमारी के दौरान मिली थी गड़बड़ी

औषधि विभाग की सहायक औषधि नियंत्रक नीलिमा कुमारी के नेतृत्व में टीम ने छापेमारी की थी। इसमें ड्रग इंस्पेक्टर वीनिता कुमारी, नीलम कुमार, मो. जैमिलुर रहमान शामिल रहे। औषधि प्रशासन ने नेशनल होमियो हॉल और जर्मन होमियो हॉल की होमियोपैथिक दुकान में गड़बड़ी पाए जाने पर स्पष्टीकरण किया था। जांच के दौरान दोनों संचालक ने औषधियों के क्रय का रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किया। जबकि नेशनल होमियो हॉल ने विक्रय रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं किया। जो कि औषधि एवं अंगराग नियमावली के नियम का स्पष्ट उल्लंघन है। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली 1945 के नियम 67-एच के प्रावधान के तहत स्पष्टीकरण किया गया। जवाब निर्धारित अवधि में नहीं दिया गया। इसके बाद फिर से स्पष्टीकरण मांगा गया। फिर भी दोनों दवा दुकान के संचालकों ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया। इसके उपरांत सहायक औषधि नियंत्रक ने दोनों के विरुद्ध कार्रवाई की।

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